इंटरलॉकिंग खड़ंजा निर्माण,नाला निर्माण व टाइल्स निर्माण में हुई जमकर धांधली
रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट- मनरेगा योजना अंतर्गत चयनित गांव रामनगर में विकास कार्यों के नाम पर घोर धांधली की गई है जहां पर मानक विहीन कार्य कराते हुए सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है ब्लॉक मुख्यालय का गांव होने के बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने बिना कार्यों की जांच किए हुए ही भुगतान कर दिया जबकि निर्माण कार्य इतना घटिया है कि 6 माह की अवधि में ही निर्माण कार्य ध्वस्त होने लगे हैं l
ब्लॉक मुख्यालय के गेट के सामने हुए नाला निर्माण में जमकर धांधली की गई जिसमें ठेकेदार द्वारा अपनी मनमानी करते हुए घटिया निर्माण कराकर सरकारी धन का बंदरबांट किया गया है नीरज द्विवेदी के घर से श्रवण कुमार के घर तक व अशोक के घर से श्रीनाथ के घर तक हुए नाला निर्माण में मानक विहीन कार्य करा कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है वही श्रीनाथ के घर से मेन रोड तक हुए नाला निर्माण की दुर्गति देखते ही बनती है जो निर्माण कार्य के दौरान की कई बार गिर चुका है जिसका निर्माण घटिया होने के चलते तकनीकी सहायक ने एमबी करने से भी मना कर दिया है नाले का निर्माण तीन पार्ट में किया गया है जिसमें दो पार्ट का भुगतान हो चुका है लेकिन नाला गिर जाने के चलते एक पार्ट में जेई द्वारा एमबी तक नहीं की गई है जिसके कारण भुगतान नहीं हो पाया है वहीं दूसरी ओर बीआरसी भवन में टाइल्स निर्माण में घोर धांधली की गई है जिसमें सचिव द्वारा अपने निजी ठेकेदार को लगाकर मानक विहीन कार्य कराया गया है व निर्माण कार्य में लीपापोती करते हुए भुगतान करा दिया गया है जिसकी जांच कराई जानी अति आवश्यक है जिससे सचिव द्वारा अपने ठेकेदार को दिए गए कार्य में किस तरह लीपापोती की गई है उसका सच सामने आ सकेगा l वही इंटरलॉकिंग खड़ंजा निर्माण में घोर धांधली देखने को मिली है जिसमें लोकनाथ के घर से धर्मपाल के घर तक हुए इंटरलॉकिंग का निर्माण, अर्जुन के घर से बिंदा के घर तक इंटरलॉकिंग का निर्माण व बिंदा के घर से देवीदयाल के घर तक हुए इंटरलॉकिंग खड़ंजा निर्माण में घोर धांधली करते हुए सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है l
इंटरलॉकिंग खड़ंजा निर्माण में कम सामग्री का प्रयोग करते हुए मिट्टी के ऊपर इंटरलॉकिंग खड़ंजा बिछा दिया गया है इन निर्माण कार्यों में ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत के चलते ठेकेदारों द्वारा जमकर मनमानी करते हुए कार्य कराया गया है l
वही खंड विकास अधिकारी द्वारा बिना कार्यों की जांच किए हुए भुगतान कर दिया गया है जबकि खंड विकास अधिकारी को घटिया निर्माण कार्य के विषय में बताया भी गया था लेकिन कमीशन खोरी के चलते भुगतान कर दिया गया है l
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि रामनगर ब्लॉक मुख्यालय पर उपायुक्त श्रम रोजगार द्वारा कई बार भ्रमण किया गया व नाले के निर्माण को देखा गया लेकिन उपायुक्त द्वारा नाला निर्माण पर कोई खास निर्णय नहीं लिया गया जिसके कारण ब्लॉक मुख्यालय के सामने घटिया नाले का निर्माण करा कर सरकारी धन का बंदरबांट किया गया l
सबसे ज्यादा सोचनीय बात यह है कि ग्राम पंचायत रामनगर के विकास कार्यों में लीपापोती करने वाले ग्राम प्रधान व सचिव सहित जिम्मेदार अधिकारियों पर जिला प्रशासन कब शिकंजा कसने का काम करेगा यह एक बड़ा सवाल है l