मन्दाकिनी भवन के संचालक की मनमानी के चलते किला बाग की बाउली का खत्म किया जा रहा आस्तित्व
- पुरातत्व की जमीन पर दबंगों द्वारा अवैध रूप से किया गया कब्जा
रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट- प्राचीन धरोहरों के संरक्षण व रखरखाव हेतु पुरातत्व विभाग द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करते हुए सुरक्षा का भले ही दावा किया जा रहा है लेकिन यह दावा जमीनी हकीकत से कोसों दूर नजर आ रहा है प्राचीन धरोहरों पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जा करते हुए निर्माण कराया गया है लेकिन पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते आज धरोहरों की हालत देखते ही बनती है जहां पर दबंग भूमाफिया अपनी दबंगई दिखाते हुए पुरातत्व विभाग की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा जमाए हुए हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी खामोशी से बैठे तमाशा देखते हुए नजर आ रहे हैं l
ऐसा ही एक मामला सामने आया है बेड़ी पुलिया सीतापुर संपर्क मार्ग के सीतापुर ग्रामीण स्थित किला बाग बाउली का l
राम वन गमन मार्ग सीतापुर बेड़ी पुलिया मार्ग के किनारे बनी किलाबाग बाउली पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है बाउली के पास मंदाकिनी भवन का निर्माण कराया गया है व पुरातत्व विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा करते हुए बाउंड्री कराई गई है l
किला बाग बाउली के पास स्थित हनुमान मंदिर की दुर्दशा देखते ही बनती है जहां पर मंदाकिनी भवन पर होने वाले शादी समारोह कूड़ा कचरा इसी बावली में डालकर बाउली का अस्तित्व खत्म किया जा रहा है व मंदाकिनी भवन के नाम से रखा ट्रांसफार्मर भी सरकारी जमीन पर लगा दिया गया है व चारों तरफ गंदगी फैलाई जा रही है l
दबंगों द्वारा किला बाग की बाउली को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं किला बाग बाउली के पीछे मंदाकिनी भवन में मंदिर का निर्माण कराकर मंदाकिनी भवन के संचालक द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा जमाया गया है जिसके कारण बाउली का अस्तित्व खत्म हो रहा है l
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि जहां पुरातत्व विभाग की जमीन के लगभग 100 मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं हो सकता है तो मंदाकिनी भवन का निर्माण कैसे हो गया यह एक सवालिया निशान खड़ा करता है वही मंदाकिनी भवन के नाम का ट्रांसफर लगाकर विद्युत विभाग द्वारा घोर लापरवाही की है जबकि पुरातत्व विभाग की जमीन पर बिना अनुमति के कोई भी नया निर्माण नहीं हो सकता है लेकिन दबंग मंदाकिनी भवन संचालक द्वारा सरकारी तथ्यों को छुपाते हुए निर्माण कराया गया है व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी जमीन पर ट्रांसफार्मर लगाया गया है l
सूत्रों के अनुसार पता चला है कि राम वन गमन किनारे बने किला बाग बाउली कि लगभग 10 बिस्वा जमीन है जो दबंगों द्वारा अवैध रूप से कब की जा रही है l
प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह द्वारा जल शक्ति अभियान के तहत कुओं,बाउली व तालाबों के संरक्षण हेतु करोड़ों रुपए की धनराशि स्वीकृत कर रख रखाव, संरक्षण व सुरक्षा प्रदान किए जाने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते कुओं, बाउलियों व तालाबों का अस्तित्व खतरे में पड़ा हुआ है l
चित्रकूट जिले में गणेश बाग(मिनी खजुराहो), कोठी तालाब, गोल तालाब व किला बाग की बाउली सहित पुरातत्व विभाग की कई ऐसी धरोहरें हैं जहां पर अवैध रूप से कब्जा करते हुए आस्तिक मिटाया जा रहा है l
भले ही पुरातत्व विभाग द्वारा करोड़ों रुपए की धनराशि खर्च कर इन धरोहरों के रखरखाव व संरक्षण पर खर्च करने का दावा किया जा रहा है वही यह दावे जमीनी हकीकत से दूर नजर आते हैं पुरातत्व विभाग की इन धरोहरों पर ना तो जिम्मेदारी अधिकारी कोई ध्यान दे रहे हैं और ना ही जिला प्रशासन कोई खास रूचि ले रहा है जिसके कारण इनका अस्तित्व खतरे में है l
किला बाग की जमीन पर अवैध कब्जा धारक सत्ताधारी दल का नेता व पूर्व सभासद बताया जा रहा है जो अपनी दबंगई के चलते पुरातत्व विभाग की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा जमाए हुए है l
सूत्रों के अनुसार पता चला है कि मंदाकिनी भवन का निर्माण करते समय दबंग भूमाफिया द्वारा पूर्व सत्ताधारी दल के नेताओं से मिलीभगत करके पुरातत्व की सरकारी जमीन पर कब्जा जमाया था l
पुरातत्व विभाग की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले भूमाफिया पर जिला प्रशासन कब शिकंजा कसने का काम करेगा l
पुरातत्व विभाग की सरकारी जमीन आखिर कब दबंगों के कब्जे से मुक्त हो पायेगी l