रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट- पूर्व ऐलान के अनुसार संसद में पास हुए किसान विरोधी काले कानून के खिलाफ हिंदुस्तान के सभी किसान संगठनों ने भारत बंद का आवाहन किया है। जिसके तहत वामपंथी पार्टी एवं उनके जनसंगठन किसानों के समर्थन में धरना/प्रदर्शन पार्टी कार्यालय कर्वी से उपजिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च करके राष्ट्रपति को संबंधित ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे किसान विरोधी ये सरकार नही चलेगी नही चलेगी नवजवान विरोधी ये सरकार नही चलेगी,किसान विरोधी तीनो कानून वापस लो । वामपंथी पार्टियों में प्रमुख रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी( मार्क्सवादी) एवम छात्रों, नवजवानों ने आक्रोश व्यक्त किया।
इस अवसर पर का.अमित यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा सभी संसदीय मर्यादाओ और कार्यवाहियों की अनदेखी करके और स्थापित नियमो को कुचल कर भारतीय कृषि क्षेत्र को गिरवी रख दिया है भारतीय लोकतंत्र की बर्बादी फासीवादी प्रवत्ति को दर्शाती है।
विपक्षी सांसदों जो वोट कराने और मत विभाजन की माँग कर रहे थे,को निलम्बित कर यदि भाजपा सरकार ये सोचती है कि विपक्ष की आवाज़ दबा देगी ये असंभव है वामपंथी पार्टियों के कार्यकर्ता भारतीय संसद, भारतीय संविधान,और समाजवादी गणतंत्र की रक्षा करेंगे और किसान विरोधी काले कानूनों को वापस कराकर ही दम लगे।
का.रूद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि ऐसे कानून हमारे कृषि क्षेत्र और किसानो को बर्बाद कर देंगे पूरे कृषि क्षेत्र को देसी विदेशी ब्यापारियों कारपोरेट एवम कलबजारिओ के हाथों में सौपने से किसानों को मिलने वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जाएगा, जन वितरण प्रणाली पूरी तरह बर्वाद हो जाएगी बड़े व्यपारियो एवं कारपोरेट घरानों का खादय पदार्थों पर एकाधिकार होगा जिससे खाने पीने की।चीज़ों का कृतिम संकट पैदा होगा और गगनचुम्बी महंगाई जमखोरी के कारण बढ़ेगी सरकार के ये किसान विरोधी काले कानूनों से देश मे भूख और भोजन की बड़ी समस्या का डर पैदा करता है ।
का.चन्द्रपाल पाल ने कहा कि वामपंथी पार्टिया इस आंदोलन को गांव गांव तक ले जाएगी और किसानों को जागरूक करेगी और भविष्य में बड़े आंदोलन वामपंथी कार्यकर्ता करेंगे अगर सरकार नही मानती है तो संसद एवं विधानसभाएं पूरे हिंदुस्तान में घेरेंगे तथा भाजपा के सांसदों वा विधायको के आवासों में भी घेरा और डेरा किसानों के साथ डाला जाएगा।
अन्य वक्ताओं में सत्यहरण यादव,रविकरण, विनोद पाल, उदयभान सिंह,प्रमोद, दादूराम,अंजनी विश्वकर्मा, पुरुषोत्तम, राजेंद्र कुमार आदि ने सम्बोधित किया।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से हनुमान, कुंजबिहारी, फूल चन्द्र यादव, राजाराम,लल्लू, रामचंद्र, सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
प्रदर्शन व सभा के बाद महामहिम राष्ट्रपति जी को संबोधित सात सूत्री ज्ञापन उपजिलाधिकारी कर्वी को सौंपा गया।