पूर्व में हुए भ्रष्टाचार पर खूब हुई थी लीपापोती, नहीं हुई कोई कार्यवाही
रिपोर्ट- संजय सिंह राणा
चित्रकूट -एक तरफ जहां सरकार गरीब जनता के हितो को लेकर कई तरह की योजनाये चला रही हैं वही दूसरी ओर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और संविदा कर्मियों की मनमानी के चलते गरीब जनता को लूटने का काम किया जा रहा है l मामला है जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय का l
सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजना उ. प्र. भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा श्रमिकों के लिए कई तरह की योजनाये चलाई जा रही है जिसके पंजीकरण व योजनाओं को लेकर गरीब जनता को लूटा जा रहा है l श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ के ख़िलाफ़ कई बार आवाज उठाई गयी जिसमें विभागीय अधिकारियो और जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियो की मनमानी के चलते कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है l
श्रम प्रवर्तन कार्यालय मे सम्विदा कर्मी कमप्यूटर आपरेटरों व एकाउण्टेन्ट व दलालों द्वारा गरीब जनता को लूटा जा रहा है l श्रम प्रवर्तन कार्यालय में दलालो को लगाकर अवैध श्रमिक पन्जीकरण कराये जा रहे हैं l जिसमें सरकारी शुल्क से ज्यादा वसूली की जा रही है l वही योजनाओ के नाम पर रुपये लिये जा रहे हैं l श्रमिकों के पन्जीकरण के लिए मनरेगा में पचास दिन काम और अन्य दैनिक मजदूरी मे 90दिन काम निर्धारित है जबकि विभाग में हो रहे श्रमिकों के पन्जीकरण में विभागीय ठेकेदारो से फ़र्जी कार्य दिखाकर पन्जीयन किया जा रहा है जिससे ठेकेदारो और विभागीय अधिकारियों की मनमानी से गरीब जनता खासा परेशान है l
श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय में साइकिल सहायता योजना, सौर ऊर्जा योजना, मात्रत्व हित लाभ योजना, शिशु हित लाभ योजना, दुर्घटना सहायता योजना, शादी अनुदान योजना, आवास योजना के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है l
पूर्व में श्रम कार्यालय में तैनात संविदाकर्मी कमप्यूटर आपरेटर ने गरीब जनता को मनमाने तरीके से लूटने का काम किया था राजनैतिक पकड और विभागीय अधिकारियों की साठ गांठ के चलते श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय में संविदा कर्मी कम्प्य़ूटर आपरेटर ने तबाही मचा रखी थी l कार्यालय में कम्प्यूटर आपरेटर की दबंगई इस कदर हावी थी कि श्रम प्रवर्तन अधिकारी का चार्ज सम्भाले बैठे ए. पी. शुक्ला भी कुछ बोलने को तैयार नही थे l
जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय में श्रम प्रवर्तन अधिकारी बनकर आये कल्याण सिंह द्वारा संविदा कर्मियों के भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया था जिसमे संविदा कर्मियों को फ़्रेन्चाइजी कम्पनी ने संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गयी थी और कार्य मुक्त कर दिया गया था l लेकिन राजनीतिक पकड और जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के चलते संविदा कर्मियों पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी l नेताओ के दबाव के कारण श्रम प्रवर्तन अधिकारी कल्याण सिंह को श्रम प्रवर्तन कार्यालय मानिकपुर का चार्ज दे दिया गया था l कल्याण सिंह की जगह में श्रम प्रवर्तन अधिकारी बनाये गये ए. पी. शुक्ला ने संविदा कर्मियों से साठ गांठ कर कार्यालय में जमकर कमीशन बाजी और धाँधली मचा रखी थीl
संविदा कर्मियों के भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद कोई कार्यवाही न होने के कारण गरीब जनता दर दर भटक रही है और विभाग में कार्यरत कर्मचारी अपनी मनमानी करने से बाज नही आ रहे हैं l
आखिर कब तक मजदूरो का शोषण होता रहेगा l क्या जिला प्रशासन श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगा पायेगा l यह एक बड़ा सवाल है l