हमेशा विवादों के घेरे में रहने वाले अधीक्षक को आख़िर क्यों दिया जा रहा है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर का चार्ज
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। सबका साथ सबका विकास का मुद्दा लेकर सत्ता हासिल करने वाली बीजेपी सरकार में उनके ही कुछ नेताओं द्वारा स्वास्थ्य विभाग को भी राजनीति का अखाड़ा बनाया जा रहा है जहां पर रसूखदार कर्मचारियों द्वारा राजनीतिक दबाव बनाकर अपना वर्चस्व कायम किया जा रहा है जिनके आगे जिम्मेदार अधिकारी भी बौने साबित होते दिखाई दे रहे हैं l अक्सर विवादों में घिरे रहने वाले चिकित्सा अधीक्षक को सत्ता की हनक व रसूखदार लोगों की वजह से पुनः पुरानी जगह पर नियुक्त किया जा रहा है l वहीं पूर्व अधीक्षक के इशारे पर नाचने वाले लोगो द्वारा बार बार शिकायत करते हुए पदस्थ अधीक्षक की शिकायत की जा रही है व स्थानान्तरण का दबाव बनाया जा रहा है l
*मामला है चित्रकूट जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर का l*
निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हुए सरकार ने बड़ा ही सराहनीय कदम उठाने का काम किया था जिससे गरीब लोगों को मुफ्त में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान हो रही थी लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कुछ दलालों व जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से एक बार फिर गरीब जनता को मंहगे इलाज का सामना करना पड़ सकता है l सरकार द्वारा जनता के लिए के लिए मुफ़्त दवाएं व मुफ़्त इलाज दिए जाने का काम किया जा रहा है लेकिन कुछ स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी के चलते गरीब जनता के साथ छलावा किया जा रहा है जहां पर गरीब जनता को पर्ची थमाकर बाहरी दवाएं मंगवाने का काम किया जा रहा है व मेडिकल स्टोरों से मनमाने तरीके से कमीशन खोरी की जा रही है l
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आ रहा था जहां पर पूर्व में तैनात चिकित्सा अधीक्षक द्वारा अपनी मनमानी करते हुए गरीब जनता से बाहरी दवाएं मांगने का काम किया जाता रहा है लेकिन वर्तमान चिकित्सा अधीक्षक द्वारा बाहरी दवाओं पर प्रतिबन्ध लगाकर सरकारी दवाओं पर इलाज किया जाने लगा व गरीब जनता को मुफ्त इलाज व दवाएं मिलने लगी जिसके कारण मेडिकल स्टोरों की मनमानी पर ताला लगने लगा जिससे हड़बड़ा कर मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा बेबुनियादी शिकायतें करते हुए अपने पुराने रहनुमा को वापस लाने के पुरजोर कोशिश की जाने लगी जिसमें कुछ हद तक वह सफल भी होने लगे हैं l
रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने गए कई लोगों को पूर्व चिकित्सा अधीक्षक की दबंगई व अभद्रता का सामना करना पड़ा था जिसको लेकर काफ़ी विवाद भी हुआ था लेकिन सत्ताधारी दल के नेताओं व रसूखदार लोगों से पकड़ मजबूत होने के चलते पूर्व चिकित्सा अधीक्षक को पुनः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर का प्रभार सौंपने का इंतजाम किया जा रहा है l
पूर्व चिकित्सा अधीक्षक की पुनः तैनाती की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय गरीब जनता में काफ़ी आक्रोश देखने को मिल रहा है l
लेकिन गरीब जनता करे भी तो क्या करे…
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि सबका साथ सबका विकास की नीतियों पर काम करने वाली सत्ताधारी सरकार पर बैठे नेताओं व रसूखदार लोगों की वजह से यह लापरवाह अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए नजर आते हैं l
आखिर ऐसे लापरवाह अधिकारियों का संरक्षण दाता कौन है जिसकी बदौलत यह अपनी मनमानी करते हुए नजर आते हैं l