गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद चोरी कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर बाइक बेंचने वाले दो लोगों को साक्ष्य व गवाहों के आधार पर डकैती न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने दोषी करार देते हुए छह साल की सजा व 24-24 हजार रुपये जुर्माना देने की सजा से दंडित किया। अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। कायमगंज कोतवाली में तैनात तत्कालीन प्रभारी दधिबल तिवारी ने 11 दिसंबर 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि वह गांव भटासा के पास चेकिंग करते समय चार बाइकों पर नौ लोग आते दिखाई दिए। पीछा करके गांव चिलांका निवासी विकास कठेरिया, बालकदास उर्फ चुनमुन, मोहल्ला छिपट्टी निवासी दीपक उर्फ सरदार शाक्य, रजत बाथम व गढ़ी इज्जत खां निवासी अमित बाथम को दबोच लिया था। इनके साथ चिलांका निवासी नन्हें चक, छिपट्टी निवाासी सौरभ उर्फ लल्लन, पहाड़पुर निवासी वीरप्रताप उर्फ कन्हैया व जनपद एटा थाना अलीगंज के गांव सतोशे निवासी धर्मेंद्र कठेरिया मौके से भाग गए। आरोपितों की निशानदेही पर बड़ी संख्या चोरी की बाइकें व उनके पाट्र्स बरामद हुए। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वह लोगों को गुमराह व धोखा देकर बाइक ले जाते हैं। विवेचक ने सभी आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान एडीजीसी हरिनाथ सिंह, कृष्ण कुमार पांडेय, अखिलेश कुमार सिंह राजपूत व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद एंटी डकैती न्यायालय के विशेष न्यायाधीश महेंद्र सिंह ने अभियुक्त बालकदास उर्फ चुनमुन व रजत बाथम को दोषी करार देते हुए बाइकों के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में तीन वर्ष की कैद व तीन हजार जुर्माना, छल करने में छह साल की कैद व तीन हजार जुर्माना, फर्जी दस्तावेज दूसरे को सौंपने के आरोप में छह साल की कैद व ५ हजार जुर्माना, जानबूझ कर किसी संपत्ति को चोरी करने में पांच साल की सजा व ३ हजार जुर्माना की सजा से दंडित किया।