रिपोर्ट संजय सिंह राणा
चित्रकूट- अन्ना गोवंशों को सुरक्षित करने के लिए जहां सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत में पशु आश्रय स्थल का निर्माण करवाया है व जहां पर गौशाला नहीं बनी हैं वहां पर गौशालाओं का निर्माण बड़ी तेजी से करवाया जा रहा है लेकिन उन्हीं गौशालाओं में गोवंशों की दुर्दशा देखते ही बनती है जहां जिम्मेदार अधिकारियों व ग्राम प्रधान व सचिव की लापरवाही के चलते इन गौवंशों को सही तरीके से संरक्षण नहीं मिल पा रहा है व चारे पानी की सही तरीके से व्यवस्था नहीं हो पा रहे हैं l
हालात तो ऐसे हो गए हैं कि गौशालाओं में जब गोवंश बीमार हो जाते हैं तो उन्हें जिंदा ही फेकवा दिया जाता है l
ऐसा ही एक मामला सामने आया है रामनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत बसिंहा का l
ग्राम पंचायत बसिन्हा में बनी गौशाला की दुर्दशा देखते ही बनती है जहां पर गोवंशों के लिए ना तो सही तरीके से चारे पानी की व्यवस्था की जा रही है ना ही उनका सही तरीके से संरक्षण किया जा रहा है जिसके चलते यह गौवंश दम तोड़ते हुए नजर आते हैं l
हालात तो यहां तक आ पहुंचे हैं कि जब गोवंश मरणासन्न स्थिति में पहुंच जाते हैं तो उनको जिंदा ही फेकवा दिया जाता है ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान व सचिव सहित गौशाला संचालकों की मनमानी खूब देखने को मिल रही है जिसमें गोवंशों के हालात देखते ही बन रहे हैं लगभग 3 से 4 दिन के अंदर लगातार गोवंशों की मौतें हो रही हैं व इन तीन चार दिनों में लगभग चार-पांच जानवर भी खत्म हो गए हैं जिनको बेरहमी से घसीट कर जिंदा ही फेकवाने का काम किया गया है l
गौशाला में जब गोवंश आखिरी सांस के लिए कराह रहे होते हैं तो उन्हें जिंदा ही ट्रैक्टर से घसीट कर जिंदा ही फेकवा दिया जाता है l कई ऐसे गोवंश हैं जिन्हें गौशाला के इधर उधर फेकवाकर कोरम पूरा करने का काम किया जा रहा है l
इस गौशाला में ना तो ग्राम प्रधान और सचिव कोई रुचि ले रहे हैं और ना ही जिम्मेदार अधिकारी कोई रुचि दिखा रहे हैं l
वही पशु चिकित्सा अधिकारी की मनमानी भी इस गौशाला में खूब देखने को मिली है जो कभी भी गौशाला में गौवंशों को देखने नहीं जाते हैं जब हमारी टीम पशु चिकित्सक से मिलने उनके ऑफिस ब्लाक रामनगर गई तो वहां पर भी ताला लटकता हुआ मिला पशु चिकित्सालय में न तो चिकित्सक थे और न ही कोई कर्मचारी उपस्थित था उनकी जगह आफिस में ताला लटकता हुआ मिला l
अपनी मनमानी में चूर पशु चिकित्सक व जिम्मेदार अधिकारियों को गोवंशों की दुर्दशा नहीं दिखाई दे रही हैं l जिसके चलते यह बेजुबान तड़प तड़प कर जान दे रहे हैं l
गौशाला की हालत तो यह है कि प्रधान व सचिव सहित जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा चारे भूसे की व्यवस्था नहीं होने के चलते लोगों के रखे पराली को ही चोरी कर लिया जाता है जिसमें ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि गौशाला में गोवंशों के लिए चारा पानी नहीं होने के चलते यह गोविंद गौशाला संचालक हमारी रखी पराली को चोरी करके ले गए हैं जिसके कारण अब हमारे गौवंश भुखमरी की कगार पर आ गए हैं l
एक तरफ जहां सरकार द्वारा गौवंशों के भरण-पोषण के लिए लाखों रुपए का बजट देकर चारा भूसा देने का काम किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर यह गौशाला संचालक पराली चोरी करके गौवंशों का भरण पोषण कर रहे हैं यह गरीब ग्रामीण करें भी तो क्या करें ?
अब इनके पास कोई आसरा ही नहीं बचा जब यह लोग अपनी चोरी गई पराली की शिकायत को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों के पास जाते हैं तो वह भी मामले को दबाते हुए नजर आते हैं l
सवाल यह उठता है कि जिन गरीब ग्रामीणों की पराली चोरी करके उठाई गई है वह अपने गौवंशों का भरण पोषण कैसे करेंगे l
क्या जिला प्रशासन द्वारा इस मामले की जांच करा कर जिम्मेदारों के ऊपर कार्यवाही करने का काम किया जाएगा l
क्या जिला प्रशासन इन गरीब ग्रामीणों के चोरी किए गए पराली का मुआवजा दिलाने का काम करेगा l