बीरेंद्र कुमार की रिपोर्ट
हवन में 1100 प्रकार की दुर्लभ जड़ी बूटियों और वेश कीमती गुच्छियों की आहुति दी गई
प्रयागराज। पुरी पीठाधीश्वर स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ के पीठारोहण की रजत जयंती के उपलक्ष्य में माघ मेला में चल रहे 11 दिवसीय अनुष्ठान का अष्ट प्रहर पूजन और पूर्णाहुति के साथ आज दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में समापन हो गया। हवन में 1100 प्रकार की दुर्लभ जड़ी बूटियों और वेश कीमती गुच्छियों की आहुति दी गई।
इस अवसर पर पुरी पीठाधीश्वर स्वामी अधोक्षजानंद ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से गौवध पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की। हालांकि उन्होंने दोनों सरकारों के कार्यों की सराहना भी की और कहा कि संयोग से इस समय केंद्र और प्रदेश में उन्हीं लोगों की सरकारें हैं, जो गाय और गंगा के संरक्षण और संवर्धन की बात करते रहे हैं। जगद्गुरु देवतीर्थ ने कहा कि उनके गुरु और पुरी के ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी निरंजन देवतीर्थ ने जिस गौवध पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर अनशन किया था । अब उसे पूरा करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि स्वामी निरंजन देवतीर्थ के अलावा करपात्री जी महाराज और संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जैसे तत्कालीन महान देवतुल्य विभूतियों ने भी गाय और गंगा के लिए अपने जीवन की आहुति दी है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि अब गौबध को पूर्ण रुप से प्रतिबंधित कर दे। यही उन महान विभूतियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
शंकराचार्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गोवंश के संरक्षण की दिशा दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है। उनके प्रयास से उत्तर प्रदेश में काफी हद तक गौहत्या पर रोक लग गई है। वह गोवंश पालन की सुदृढ व्यवस्था में भी लगे हैं। स्वामी जी ने आज अपने संकल्प को फिर दोहराया कि जब तक देश में गौबध पूर्णतया बन्द नहीं होता है और गौपालन की समुचित व्यवस्था पूरी नहीं होती है तब तक वह पीठ के आचार्य छत्र और सिंहासन को धारण नहीं करेंगे।