वेद प्रकाश चतुर्वेदी की रिपोर्ट
जालौन। जनपद के थाना कुठौंद के ग्राम मदनेपुर में आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक युवक ने अपने ही खेत की पेड़ पर खड़े नीम के पेड़ से फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक पर पत्नी व बच्चों के साथ पूरे परिवार को पालने की जिम्मेदारी थी।
मजदूरी करके परिवार का पालन करने में वह असमर्थ बताया जा रहा था। पुलिस भी अपनी जांच आर्थिक तंगी की वजह मान रही है।
थाना कुठौंद क्षेत्र के मदनेपुर गांव निवासी गिरधारी (38) पुत्र बब्बू सिंह परिवार में पत्नी सीमा देवी , बेटा बाबू (10), बेटी प्राची (13) के साथ ही माँ बाप पुरा परिवार हैं। पिता बब्बू जिनकी आखे भी खराब हो चुकी है,
पूरे परिवार को पालने के लिए गिरधारी के कंधों पर बहुत जिम्मेदारी थी। घर की स्थिति बहुत ही नाजुक थी, मृतक बाहर सूरत नोकरी करता था ,सबकुछ ठीकठाक चल रहा था ,लेकिन कोरोना जैसी वैश्विक महामारी की बजह 25 मार्च से सम्पूर्ण भारत मे लॉक डाउन हुआ जिसकी बजह से गिरधारी को घर आना पड़ा ,और धीरे धीरे घर अर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी, मात्र 3 बीघा जमीन है। अन्ना जानवरों की बजह से खेतों मे भी कुछ नही बचा है । जैसे ही गिरधारी को लगा की अब खेत भी अन्ना जानवरोँ ने खा लिये,अब क्या होगा ,कैसे घर की जीविका चलेगी,तभी परेशान होकर आज सुबह को युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
गुरुवार की सुबह परिवारीजनों को जब इसकी जानकारी हुई तो पुलिस को सूचित किया। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।
थाना प्रभारी अरुण तिवारी ने बताया कि युवक मजदूरी करता था। आर्थिक तंगी से उसने आत्महत्या की है। पूछताछ में परिवारीजनों ने बताया कि मौजूदा समय में वह आर्थिक तंगी की वजह से मानसिक रूप से भी परेशान चल रहा था।