अवनीश कुमार मिश्र की रिपोर्ट
गोंडा। दरअसल मामला ये है कि आज कुछ दिन पहले अवधेश शुक्ला ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वीरपुर के फील्ड में गेहूँ की बुवाई करवाई और जब गेंहू तैयार हुआ तो शुक्ल जी ने गेंहू के मड़ाई करवा कर भूसा अस्पताल के एक कमरे में रख दिया और गेहूं अपने घर ले गए परंतु कुछ दिन बाद शुक्ला जी ने अस्पताल में रखे भूसे को राम सागर यादव से पैसा लेकर बेच दिया लेकिन राम सागर के घर मे जगह न होने के कारण भूसा अस्पताल के कमरे में रखा रह गया।
इस बीच जब शुक्ला जी के विलंब आने की जानकारी मरीजो से अवनीश कुमार मिश्र के द्वारा ली गई तो सभी मरीजों के साथ रामसागर यादव ने भी यह बयान किया कि अवधेश शुक्ला विलम्ब से आते हैं ।
तत्पश्चात यह खबर जब शुक्ला जी को पता चली तो शुक्ला जी ने रामसागर से कहा मैंने तुम्हारा भूसा अस्पताल में रख लिया और तुम मेरे खिलाफ बयान देते हो इसके बाद शुक्ला जी के माध्यम से सत्यप्रकाश के नाम से एक प्रार्थना पत्र दिया गया कि रामसागर ने जबरदस्ती अस्पताल में भूसा रखा है। इसपर छपिया पुलिस राम सागर को लेकर गई तथा दिन भर थाने पर बैठाए रखा ।इस प्रकरण की जानकारी जब संवाददाता अवनीश कुमार मिश्र के द्वारा पता लगाई गई तो यह पता चला कि सत्यप्रकाश ने कोई प्रार्थना पत्र नही दिया है और अस्पताल मेंभूसा रखने में अवधेश शुक्ला और रामसागर यादव दोनों बराबर के दोषी है परंतु गरीब होने के नाते सजा केवल रामसागर को मिली अभी भी अवधेश शुक्ला के द्वारा रामसागर यादव से कहा जा रहा है कि आप अस्पताल की जमीन पर कब्जा कर रहे हो जबकि अस्पताल की चहर दीवारें मौजूद है।
अब सवाल यह है कि देश में सारे कानून गरीबो के लिए है या फिर दबंगों की लिये भी कोई कानून बना है।