देवेश कटियार की रिपोर्ट
कन्नौज-गुरसहायगंज कोतवाली के शस्त्रागार से थ्री नॉट थ्री राइफल और करीब 309 कारतूस गायब हैं। राइफल व कारतूस कब गायब हुईं ये पता नहीं चल रहा है। कोतवाली में तैनात रहे कई हेड मोहर्रिर को नोटिस भेजे गए हैं।
कोतवाली गुरसहायगंज में हाल में तैनात किए गए एक पुलिसकर्मी ने असलहों का मिलान किया तो एक राइफल और 309 कारतूस कम मिले। उसने इसकी जानकारी कोतवाली प्रभारी को दी। उन्होंने उप निरीक्षकों और थाने के अन्य पुलिसकर्मियों से पूछताछ की लेकिन गायब राइफल व कारतूस की जानकारी नहीं मिली। इसके बाद कोतवाली प्रभारी ने सीओ और एसपी को जानकारी दी। राइफल व कारतूस कब से गायब हैं इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। पुलिस अधिकारी काफी समय पहले गायब होने की आशंका जता रहे हैं।
छह महीने से कोतवाली में किसी अधिकारी ने निरीक्षण कर कारतूस और राइफल का मिलान नहीं किया है। कोतवाली में पिछले कुछ वर्षों में तैनात रहे कई हेड मुहर्रिर को नोटिस भेजे गए हैं। सीओ श्रीकांत प्रजापति ने बताया कि छानबीन की गई लेकिन ये जानकारी नहीं लग पाई है कि राइफल और कारतूस किस अवधि में गायब हुए हैं। शासन को भी जानकारी भेज दी गई है। शासन के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
1945 में सिपाहियों को मिली थी थ्री नॉट थ्री राइफल
प्रथम विश्व युद्ध 1914 में थ्री नॉट थ्री राइफलों का इंग्लैंड और जर्मनी के सैनिकों ने प्रयोग किया था। अंग्रेजी शासनकाल में 1945 में थ्री नॉट थ्री राइफल यूपी पुलिस को दी गई थी। इसकी मारक क्षमता दो किलोमीटर तक है। इससे पहले पुलिस के पास मस्कट 410 बंदूक हुआ करती है। 80 के दशक में सिपाहियों को इंसास, एके-47 दे गईं। 2019 में यूपी पुलिस को जर्मनी की एमपी-5 राइफल दी गई हैं।