देवेश कटियार की रिपोर्ट
कन्नौज-प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में करोड़ों के मालिक भाइयों को पात्र दिखाकर लाभ देने की खबर को डीएम राकेश कुमार मिश्र ने संज्ञान में लिया है।
उन्होंने एसडीएम सदर को जांच सौंपी है। जांच रिपोर्ट में दोषी मिलने पर रिकवरी होगी।
करोड़ों के मालिक फिर भी ले रहे आवास योजना का लाभ ।
डीएम ने कहा कि शहरी क्षेत्र में दिए गए आवासों का सही ढंग से सत्यापन कराया जाए। इनमें गड़बड़ी का अनुमान है। जांच में गड़बड़ी मिलने पर अपात्रों से धनराशि की रिकवरी कर कार्रवाई की जाएगी।
सत्यापन करने वाले लेखपाल व नगर पंचायत कर्मी पर भी कार्रवाई होगी। शहर के सरायमीरा अंधा मोड़ निवासी राकेश कुमार मिश्रा और उनके भाई की पत्नी ललता मिश्रा को प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत लाभान्वित किया गया है।
नगरीय विकास अभिकरण के अफसर व कर्मियों ने लेखपाल व कर्मियों की सत्यापन रिपोर्ट पर खाते में दो किस्तें भेज दी हैं।
पहले से बने मकान के कुछ हिस्से को तोड़कर नया बनाया गया है। बताया गया कि इनके पास जीटी रोड किनारे करोड़ों रुपये की जमीन, इलेक्ट्रानिक की दुकान, मार्केट भी है। हर माह हजारों रुपये किराया आता है।
बताया जा रहा है कि नगर पालिका व डूडा कर्मी धांधली छिपाने में लग गए हैं। आवास योजना के पात्रों की सूची मांगने पर डूडा कर्मियों ने इनकार कर दिया।
ऐसे जरूरतमंद जिसकी वार्षिक आय तीन लाख तक हो।
पक्का मकान नहीं होना चाहिए। इनमें अविवाहित पुत्र और पुत्रियां भी शामिल हैं।
अगर किसी की गाटर सिल्ली की छत है या आधा पक्का आवास है तो वह लाभार्थी नहीं माना जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में गड़बड़ी का खेल पुराना है। इसकी शिकायत जनप्रतिनिधियों ने तत्कालीन डीएम रवींद्र कुमार से की थी। तब गोपनीय जांच कराई गई थी।
कई सर्वेयर ने अपात्रों से 10 से 20 हजार रुपये लेकर पात्र सूची में शामिल कर दिया था। कई सर्वेयर ने अपने परिजनों व सगे संबंधियों को लाभ दे दिया था। इसमें जियो टैगिंग करने वाले सर्वेयर की गड़बड़ी मानी गई थी।
पांच सर्वेयर को हटा दिया गया था। इनमें सदर नगर पालिका के बलराम, तिर्वा के संजय भदौरिया, समधन के संतोष, गुरसहायगंज के रावेंद्र और तालग्राम के गगन थे।
ईओ कन्नौज सुरेंद्र गौतम ने बताया कि डूडा आवास देने का काम करता है। नगर पालिका व राजस्व कर्मी सत्यापन करते हैं। उच्चाधिकारी जांच के आदेश देंगे तो टीम का गठन कर सत्यापन किया जाएगा। जांच में गड़बड़ी पर आगे की कार्रवाई होगी।
पीओ डूडा जय विजय कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में पात्र होने के कई नियम हैं।
नगर पालिका व राजस्व कर्मी की सत्यापन रिपोर्ट पर भी पात्र व्यक्ति के खाते में धनराशि भेज दी जाती है। अगर गड़बड़ी हुई तो जांच की जाएगी।
सदर एसडीएम शैलेष कुमार ने नायब तहसीलदार भूपेंद्र सिंह की रिपोर्ट पर पालिकाध्यक्ष की चाची को पात्र बताकर रिपोर्ट लगाने वाले दो लेखपालों को निलंबित कर दिया।
पालिकाध्यक्ष शैलेंद्र अग्निहोत्री की चाची कल्पना अग्निहोत्री पत्नी संजय अग्निहोत्री ने आवास योजना के लिए आवेदन किया था। नगर पालिका व राजस्व कर्मियों ने जांच की।
पात्र बताकर सत्यापन रिपोर्ट भेज दी गई थी। डीएम राकेश कुमार मिश्रा ने सदर एसडीएम शैलेष को जांच के आदेश दिए। नायब तहसीलदार भूपेंद्र सिंह की तीन सदस्यीय टीम की जांच में वह अपात्र मिलीं। एसडीएम ने 50 हजार की रिकवरी और सत्यापन रिपोर्ट लगाने वाले कर्मियों पर कार्रवाई के आदेश दिए।
इसमें नगर पालिका के पंप आपरेटर रामभरोसे व सफाई कर्मी संजय को दो दिन पहले निलंबित कर दिया गया। वहीं, एसडीएम ने ग्राम पंचायत मोचीपुर में तैनात लेखपाल अजय अवस्थी व सैय्यदपुर सकरी में तैनात लेखपाल आशीष पाल को भी निलंबित कर दिया है।