देवेश कटियार की रिपोर्ट
कन्नौज– वैश्विक महामारी को देखते हुए जिला जेल के बंदियों को इस बार उनकी बहनें सीधे राखी नहीं बांध सकेंगी। बल्कि इस बार रक्षाबंधन से पहले ही एक लिफाफे में राखियां रख कर जेल कर्मी को देनी होंगी। जेल प्रशासन ने यह फैसला कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किया है। बताया गया कि कोरोना महामारी के कारण जेल के बंदियों की उनके परिजनों, मित्रों आदि से मुलाकात प्रतिबंधित है। ऐसे में तीन अगस्त को रक्षाबंधन के पर्व को देखते हुए बंदियों का उनकी बहनों से मिलना भी प्रतिबंधित रहेगा। लिहाजा जेल प्रशासन ने जेल मुख्यालय कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं लखनऊ के आदेश का पालन करते हुए जिला जेल अनौगी के बाहर पावती हेल्प डेस्क के नाम से एक काउंटर लगाया गया है। जिसमें एक कर्मचारी उस काउंटर पर मौजूद रहेगा। जो भी महिलाएं, युवतियां जेल में बन्द अपने भाइयों के पास तक राखी पहुंचाना चाहती हो, वह डेस्क पर मौजूद कर्मी को एक लिफाफे में रख कर राखियां दे सकतीं हैं। लिफाफे में बंदी का नाम और लिफाफा देने वाले का नाम, पता लिखना जरूरी होगा। यह लिफाफा 01 अगस्त को शाम 4 बजे तक डेस्क पर जमा करना होगा। मामले को लेकर जेल अधीक्षक बी.के. मिश्रा ने बताया कि डेस्क पर प्राप्त होने वाली रक्षाबंधन सामग्री को सेनिटाइज करने के बाद बंदी को उपलब्ध करा दी जाएगी।