देवेश कटियार की रिपोर्ट
कन्नौज। कोराना संक्रमण को लेकर अब अधिकारियों और कर्मचारियों की सुस्ती साफ नजर आने लगी है। एक तरफ तो कोरोना मरीज मिलने के बाद उसके मोहल्ले को पूरी तरह सील कर के लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी जाती है और नियमों का पालन कराने के लिए पुलिस कर्मी की डयूटी लगा दी जाती है। लेकिन जब सदर तहसील को कोरोना मरीज के कारण कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया तो बल्ली और बैनर लगाकर प्रशासन ने इतिश्री कर ली। तहसील गेट पर बल्ली लगाने के बावजूद वहां दिन भर भीड देखी जा सकती है। बल्ली फांद कर लोग बेखौफ आ-जा रहे है। कंटेनमेंट जोन में तहसील का यह हाल तब है जब तहसील परिसर में ही गेट के पास सदर कोतवाली की सरायमीरा पुलिस चौकी संचालित होती है। लेकिन यहां किसी भी व्यक्ति को आते-जाते वक्त रोकने-टोकने की जहमत कोई पुलिस कर्मी नही उठाता। लोगों का कहना है कि सिर्फ नाम के लिए ही तहसील को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है तो फिर बस्ती के बीच कोरोना मरीज निकलने पर लोगों का पुलिस उत्पीडन क्यों करती है। वहां तो जरूरी काम से भी पुलिस घरों से किसी को नहीं निकलने देती। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या वायरस भी स्थान देखकर अपना प्रभाव छोडता है। लेकिन शायद इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं होगा।