लवलेश कुमार की रिपोर्ट
लखनऊ: लॉकडाउन के कारण प्रदेश में टीबी मरीजों को काफी दिक्कतें का सामना करना पड रहा है। योगी सरकार ने उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है। जिससे अब टीबी मरीजों को किसी प्रकार की समस्या नहीं आएगी। स्वास्थ्य भवन में बृहस्पतिवार को राज्य क्षय रोग विभाग और भारतीय डाक विभाग के बीच इसके लिए करार हो गया। पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ, आगरा, बदायूं और चंदौली जिले में पहले चरण में यह कार्यक्रम चलाया गया था। उसमें मिली सफलता के आधार पर अब यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू होगी। उत्तर प्रदेश इस व्यवस्था को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
क्षय रोग अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता ने बताया कि पहले टीबी मरीजों के स्पुटम के सैंपल कोरियर से भेजे जाते थे। जिससे रोगियों की पहचान और इलाज शुरू होने में देरी हो जाती थी। इस करार के अनुसार प्रदेश के करीब 2300 अधिकृत टीबी जांच केंद्रों (डीएसटी) से 24 घंटे के अंदर 142 सीबीनैट मशीन सेंटर तक सैंपल पहुंचाने का काम डाक विभाग करेगा। उन्होंने कहा कि सीबीनैट मशीन सेंटर से प्रदेश के 8 जिलों लखनऊ, आगरा, अलीगढ, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर और इटावा में स्थित ड्रग कल्चर सेंसटिविटी टेस्ट सेंटर तक 48 घंटे के अंदर सैंपल पहुंचाया जाएगा।
बता दें कि प्रदेश में लगभग 4.22 लाख टीबी (क्षय) रोगी हैं। इनमें बीमारी और दवा की प्रतिरोधक क्षमता की जांच के लिए बलगम का सैंपल जिला अस्पतालों में बने सीबीनैट सेंटर भेजा जाता है। इन सैंपल को समय से पहुंचाना स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती होता है। डाक बिभाग एंव स्वास्थय विभाग के इस समझौता से मरीजों को लॉकडाउन में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी।