शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ। शासन का गृह विभाग आईपीएस अफसरों के तबादले पर मंथन कर रहा है। इससे जल्द ही तबादला सूची जारी होने की संभावना जताई जा रही है। इसमें डीआईजी पद पर प्रोन्नत होने के बाद भी जिले में तैनात आईपीएस अफसरों को नई तैनाती मिलने के प्रबल आसार हैं। सूत्रों के अनुसार हाल के दिनों में हुए गंभीर अपराधों को देखते हुए शासन कुछ जिलों के पुलिस कप्तानों से संतुष्ट नहीं है। इसी तरह रेंज में तैनात कुछ आईजी-डीआईजी और जोन में तैनात कुछ एडीजी भी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं। शासन स्तर पर लॉकडाउन के दौरान हुई आपराधिक घटनाओं का विश्लेषण कर जवाबदेही तय करने पर विचार चल रहा है। आपराधिक घटनाओं के आधार पर ही कुछ जिले चिह्नित भी किए गए हैं। माना जा रहा है कि इन जिलों के पुलिस कप्तान अपराध रोकने में विफल साबित हुए हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि कुछ बड़े जिलों में पुलिस कप्तान के रूप में डीआईजी रैंक के अफसरों को तैनात करने पर भी विचार चल रहा है। यदि ऐसा होता है तो जोन में आईजी की जगह एडीजी और दो जिलों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के बाद तीसरा प्रयोग माना जाएगा। इसी तरह डीआईजी पद पर प्रोन्नति के बाद जिले में तैनात अफसरों को नई तैनाती भी दी जा सकती है। इसमें कानपुर नगर के एसएसपी अनंत देव, सीतापुर के एसपी एल.आर कुमार और लखनऊ कमिश्नरेट में डीसीपी पश्चिम के पद पर तैनात सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी को नई तैनाती मिल सकती है। तीनों वर्ष 2006 बैच के आईपीएस हैं और डीआईजी पद पर प्रोन्नत हो चुके हैं। वर्ष 2006 बैच के ही आईपीएस अभिषेक दीक्षित एसपी पीलीभीत के पद पर कार्यरत हैं। वह तमिलनाडु कैडर के हैं। इस बैच के यूपी कैडर के आईपीएस डीआईजी पद पर प्रोन्नत हो चुके हैं।