शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ। राममंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री के अयोध्या जाने पर एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है। इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद ने उन्हें करारा जवाब दिया है और कहा है कि प्रधानमंत्री के भूमि पूजन में जाने में कुछ भी असंवैधानिक नहीं हैं। यह एक संवैधानिक काम हैं, जिसे सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिल चुकी है। दरअसल एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि पीएम मोदी का अयोध्या में भूमि पूजन में जाना संविधान के शपथ का उल्लंघन है। ओवैसी ने कहा कि बेहतर होगा कि पीएम शिलान्यास कार्यक्रम में शिरकत ना करें। भूमि पूजन के कार्यक्रम में पीएम के शिरकत करने से देश की जनता में यह संदेश जाएगा कि वो एक फेथ को मानते हैं।
ओवैसी ने किया था ट्वीट
ओवैसी ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा, “प्रधानमंत्री का भूमि पूजन में शामिल होना उनके संवैधानिक पद की शपथ का उल्लंघन हो सकता है। धर्मनिरपेक्षता हमारे संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है।” उन्होंने आगे लिखा, ”हम यह नहीं भूल सकते कि 400 वर्षों से ज्यादा वक्त से बाबरी मस्जिद अयोध्या में थी और 1992 में क्रिमिनल भीड़ ने इसे ध्वस्त कर दिया था।”
आलोक कुमार ने दिया जवाब
इस पर विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री के भूमि पूजन में जाने में असंवैधानिक जैसा कुछ नहीं है। यह एक ऐसा काम जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जो ढांचा गिरा था वो उस समय की भावनाओं का उद्वेग था या षड्यंत्र, इस विषय पर सुनवाई अभी हो रही है। निर्णय अभी नहीं आया है। उन्होंने दावा किया कि उसमें कोई षड्यंत्र नहीं था नहीं और विश्वास जताया कि सभी नेता कोर्ट में निर्दोष साबित होंगे।
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