शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ। मर्जेन्ट नेवी मलेशिया में नौकरी कर रहे सौरव पांडेय पुत्र हरीशचंद्र पांडेय के वारे में उनके पिता ने वताया की मेरा पुत्र सौरव 28 दिसंबर 2019 को लखनऊ से गया था। 11 जनवरी 2020 शिप पे चढ़ा था। रोज ऑडियो कॉल और वीडियो कॉल पर बात होती थी। सब अच्छा चल रहा था। 20 जुलाई शाम 6 बजे उसके दोस्तों के द्वारा पता लगा कि वो अब इस दुनिया मे नही रहा है। पर इस बात से उसके पिता सहमत नही उन्होंने कहा कि उससे जब बात हुई तो उसकी आँखों मे सूजन सी लग रही थी। ऐसा लग रहा था उसको किसी ने मारा हो।
उन्होंने बताया कि हम अपने पुत्र लाश को वापस लाना चाहते हैं जिसके लिए डीएम, मुख्यमंत्री कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यलय, हर जगह धक्के खा लिए पर कोई सुनवाई नही हुई है। दुखी परिवार की आर्थिक स्थित भी नही ठीक है सौरव के पिता एक प्राइवेट स्कूल में इंग्लिश के टीचर है जिससे वो अपने परिवार का गुजारा करते हैं।