राम जनम यादव की रिपोर्ट
लखनऊ : किसान की मांगों के समर्थन में समाजवादी पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में आयोजित किसान यात्राओं में बढ़चढ़ कर कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने भाग लिया। पुलिस और प्रशासन के दमनचक्र के बावजूद कार्यकर्ताओं का उत्साह हिलोरें मारता रहा। कन्नौज में पूर्व घोषित किसान यात्रा में शामिल होने जा रहे अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री जी के आदेश पर रोकने में लोकतंत्र की सभी मान्यताओं को ताक पर रखकर प्रशासन ने उनके साथ धक्कामुक्की तथा अभद्रता की। उनकी गिरफ्तारी से किसानों, गरीबों की आवाज को कुचलने की भाजपा की नीयत का पर्दाफाश हुआ है।
अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि अन्नदाता से अन्याय के खिलाफ समाजवादियों का संघर्ष जारी रहेगा। सभी कार्यकर्ता और नेता अपने-अपने जनपदों में किसान यात्रा जारी रखें और सरकारी दमन का दृढ़ता से सामना करें। जनता और किसान उनके साथ होंगे।
कन्नौज में आयोजित किसान यात्रा में ठठिया मंडी से तिर्वा के किसान बाजार तक ट्रैक्टर से जाना था। जब वह प्रस्तावित किसान यात्रा में शामिल होने निकले तो उनके आवास की घेराबंदी करके पुलिस ने उनकी फ्लीट भी रोक ली। फ्लीट में शामिल वाहन जब्त कर लिए गए। तब अखिलेश पैदल ही चल पड़े। उन्हें जब आगे बढ़ने से रोका गया तो वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इस पर पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ पूर्व मंत्री श्री बलवंत सिंह रामूवालिया तथा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी भी गिरफ्तार किए गए।
पुलिस द्वारा अवैध ढंग से रोके जाने पर अखिलेश यादव ने लोकसभा के अध्यक्ष को पत्र भेजकर राज्य सरकार के अलोकतांत्रिक व्यवहार को और एक सांसद के रूप में अपने नागरिक अधिकारों में हनन को विशेषाधिकार का हनन बताया और तत्काल हस्तक्षेप की मांग की ताकि लोकतांत्रिक गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार बहाल हो सके।
भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने की बात की थी लेकिन अब कृषि कानून लाकर उन्हें कमजोर कर रही है। इन कृषि कानूनों से किसान की जमीन जब्त कर ली जाएगी। किसान बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वे जेल जाने को तैयार हैं, कन्नौज पैदल भी जा सकते हैं।
भाजपा सरकार किसानों की आवाज नहीं दबा सकेगी। किसान जिन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं उस पर सरकार क्यों नहीं कार्रवाई करती है? जो कानून किसानों के हित में नहीं है। उन्हें बदलने में उसे क्या दिक्कत है। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट क्यों नही लागू की जाती है? भाजपा जो कानून लाई है वह कृषि उजाड़ कानून है। 20 लाख करोड़ रूपये का पैकेज किसानों को मिलना चाहिए था। लेकिन किसानों के साथ धोखा हुआ है।
कोविड-19 का बहाना भाजपा सरकार कर रही है जब भाजपा की रैलियां होती हैं तब इसका ध्यान क्यों नहीं होता है। यह भाजपा का दोहरा मानदण्ड है। वह विपक्ष के प्रति द्वेषभाव रखती है। उन्होंने कहा कि भाजपा के विरूद्ध किसानों में गुस्सा है। भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।