लखनऊ ।भले ही अभी होलिकोत्सव पर्व दूर हो लेकिन बाजारों में होली का माहौल छाने लगा है। होली के त्योहार पर दुकानों में दीपावली के पसंदीदा पटाखे मसलन चटाई, स्मोक गन, बम, होली धमाल जैसे धमाके वाले आइटम से पटे पड़े हैं। एकबारगी देखने पर लगेगा कि कहीं पटाखों की दुकान पर तो नहीं आ गए। लेकिन हकीकत में यह पटाखे नहीं हैं। इन्हें जलाने पर यह बारूद की गंध और आवाज नहीं, बल्कि वातावरण को रंगीन और खुशबूदार बनाने वाले रंग और गुलाल का धुआं बिखेरते हैं। खास बात यह है कि इस बार बाजार में देशी आइटम की धूम है। चीनी पिचकारी गायब हैं।
देशी आइटम इन, चीनी आउट: ड्रैगन, पाइप और पिट्ठू सरीखे चीनी पिचकारियां बाजार से गायब हैं। मेक इन इंडिया का जलवा बाजार में साफ दिख रहा है। सस्ते और टिकाऊ पिचकारियों बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए मौजूद हैं। 650 रुपये प्रति पीस की प्रेशर गन पिचकारी हो या फिर 550 रुपये का टंकी बैग अथवा 350 से लेकर 700 तक के पीठ पर लादने वाले देशी सस्ते पिट्ठूओं की दुकानों में भरमार है। जहां अच्छी और बड़ी चीनी पिचकारियों की शुरुआत 550 से लेकर हजार रुपये तक होती थी। कारोबारी अभिषेक गुप्ता बंटी बताते हैं इस बाद देशी पिचकारियां बाजार में नए डिजाइन के साथ मौजूद हैं। काफी सस्ती हैं। 45 रुपया प्रति पीस वाला हुक्का बार बच्चे खूब पसंद कर रहे हैं।
चटाई और स्मोक गन का जलवा, धमाके के साथ रंग का अहसास: पटाखों की शकल वाले हूबहू दिखने वाले देशी आइटम से दुकानें पटी हैं। चटाई, स्मोक गन, बम से दिखने वाली इन पिचकारियों से रंग और गुलाल निकलता है। चंद पलों में वातावरण को रंगीन और खुशबूदार बना देता है। 55 से 110 रुपये तक की स्मोक गन नेहरूक्रास, नादानमहल रोड के बाजारों में अपनी मौजूदगी की धमक का अहसास करा रही हैं। गुलाबी, लाल और पीले रंग का धुआं लोगों को आकर्षित कर रहा है। धमाके के साथ रंग का अहसास कराती चटाई का जलवा अलग है। लॉलीटॉप या फिर 70 रुपये के चार पीस वाला गुलाल बम एवं होली धमाल की डिमांड गांवों से आ रही है। 35 रुपये का पांच पीस वाला अनार भी रंगों की फुहार बाजार में छोड़ता नजर आ रहा है।
फूल की पत्तियों वाला रंग: रंगों का बाजार भी तरह-तरह की वैरायटी से रंगीन है। फूल की पत्तियों से बना आकर्षक पैकिंग वाला हर्बल रंग लोगों को भा रहा हे। नेहरूक्रास नादान महल रोड स्थित रंग कारोबार अशोक रंगवाले बताते हैं कि अभी तो शुरुआत हो रही है। फूल की पत्तियों वाला चार अलग-अलग रंगों वाली 130 रुपये की विशेष पैकिंग लोगों को भा रही है। तोता आर्गेनिक के अलावा महंगा रंग भी बाजार में आ गया है। रासायनिक रंगों की ओर लोगों का रुझान कम दिख रहा है। युवा व्यापार मंडल के कुश मिश्र बताते हैं कि इस बार ड्रैगन नहीं इंडिया का जलवा कायम हुआ है। चीनी आइटम नहीं देशी पिचकारियों तरह-तरह की पिचकारियों से बाजार पटा है।