आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
हमेशा की भांति जनकल्याण की भावना को मन में रख चित्रकूट की पावन नगरी के जानकी कुण्ड से गोबिंद दास के नेतृत्व में चला संतों का काफिला जो चौरासी कोसी परिक्रमा करते हुए एक माह में बिभिन्न स्थानों का भ्रमण करते हुए वापस जानकी कुण्ड में अपनी यात्रा का समापन करेंगे।
आज इसी संतों की यात्रा के दौरान कुछ संतों से इस यात्रा का उद्देश्य जानने की कोशिश की जिसमें यात्रा में शामिल संतों ने बताया कि उनका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ जनकल्याण की भावना है। हर जीव का कल्याण हो देश में अमन चैन भाईचारा आपसी सद्भाव प्रेम का भाव हो धर्म की जय हो। अधर्म का बिनाश हो दैहिक दैविक भौतिक तापा रामराज्य नहि कौनहि ब्यापाा, अर्थात हम उस राम राज्य की कल्पना कर निकलते हैं जिसमें किसी भी प्रकार की बिमारी महामारी का भय नहीं था। हम कामतानाथ स्वामी मजगंदनाथ स्वामी नीलकंठेश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि वह हमारे देश देशवासियों को इस कोरोनावायरस की महामारी से बचाए।
जिस तरह गरल पान कर तीनों लोकों को बचाया था यही हम लोगों की इस चौरासी कोसी परिक्रमा का मुख्य उद्देश्य है।
इसके बाद चौसड ग्राम में अदित्य पाण्डेय अध्यापक की अगुवाई में सभी ने चौरासी कोसी परिक्रमा में चल रहे संतों सहित सभी श्रद्धालुओं को बैठाकर भोजन कराया । भोजन प्रसाद ग्रहण कर सभी संत सभी को अपने शुभाशीष देते हुए अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए।