सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ: कोराना महामारी के प्रकोप को देखते हुए देश में 21दिन के लिए लॉकडाउन घोषित है। वहीं कोरोना से निपटने के लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। अभी 7 दिन ही हुए है। गरीब मजदूरों तक सुविधाएं तेजी से नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मजदूरों को चिंता सता रही है कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ती है तो हम भुखमरी के शिकार हो जाएगें।
बता दें कि राज्यों के लिए बतौर प्रभारी तय किए गए केंद्रीय मंत्रियों ने अपनी-अपनी कमान संभाल ली है। सभी मंत्री प्रभार वाले राज्यों के जिला कलेक्टर के सीधे संपर्क में हैं। सभी कलेक्टर से कहा गया है कि वे हर गांव, टोला तक जाकर लोगों की स्थिति की जानकारी लें। उनको जागरूक करें और लॉकडाउन की स्थिति सुनिश्चित करें।
श्रमिकों को हर जरूरत की चीजें उपलब्ध कराएंः CM
वहीं लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों की यात्रा उनके तथा उनके परिवार सहित अन्य संबंधियों तथा गृह जनपद के लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा को जोखिम में डाल सकती है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में अन्य राज्यों से आ रहे श्रमिकों को उनकी मौजूदगी वाले इलाके के आसपास किसी विद्यालय, धार्मिक स्थल, सामुदायिक केंद्र आदि पर रोककर बंद की अवधि तक भोजन, पेयजल, दवा उपलब्ध कराई जाए। प्रदेश से गुजरने वाले श्रमिक चाहे किसी भी प्रदेश के हों, उनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। इसके लिए जिलाधिकारी को जवाबदेह बनाया जाए।