रिपोर्ट- आत्माराम त्रिपाठी/संजय सिंह राणा
बाँदा– कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पूरे देश में लॉक डाउन घोषित कर दिया है जिसके चलते पूरे देश में लोगों को घरों में रहने के निर्देश दिये गए है जिसके चलते लोग घरों में कैद हैं l
वहीं दूसरी ओर अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए सरकार द्वारा जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि इन मजदूरों के रहने व खाने पीने का सही तरीके का इंतजाम किया जाए l
वहीं दूसरी ओर लापरवाह अधिकारियों की मनमानी के चलते बाहर से आए हुए मजदूरों को सही तरीके से सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं व उन्हें विद्यालयों में ठहरा कर कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं जिसके चलते बाहर से आए यह गरीब मजदूर खाने पीने के लिए मोहताज हैं l
जब इन मजदूरों को खाने पीने की व्यवस्था नहीं की जा रही है तब यह मजदूर अपने घरों में जाकर भोजन कर रहे हैं जिसमें गांव के ग्रामीणों ने इन मजदूरों पर संदिग्धता जाहिर की है कि अगर कोई भी मजदूर कोरोना वायरस से पीड़ित पाया गया तो पूरे गांव में यह बीमारी फैल सकती है l लेकिन लापरवाह अधिकारी सिर्फ कागजों में ही अपनी खानापूर्ति करते हुए नजर आ रहे हैं व इन मजदूरों के खाने पीने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं जिसके कारण लोगों में दहशत का माहौल है l
मामला है बाँदा जिले के विकासखंड कमासिन के ग्राम पंचायत पछौहा का l
जहां पर अन्य राज्यों से आए हुए मजदूरों को पूर्व माध्यमिक विद्यालय पछौहा में ठहरा दिया गया है लेकिन इनके खाने पीने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है l
जबकि थानाध्यक्ष कमासिन द्वारा ग्राम प्रधान को कहा गया था कि इन मजदूरों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की जाए लेकिन लापरवाह ग्राम प्रधान द्वारा इन मजदूरों को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई जिसके चलते यह लोग अपने घरों में खाना खाने जाते हैं व लौटकर पुनः विद्यालय आ जाते हैं lजिसके कारण पूरे गांव में यह चर्चा वायरस की तरह फैल रही है कि अगर इनमें से कोई भी व्यक्ति संदिग्ध निकला तो वह अपने घर के साथ-साथ पूरे गांव में कोरोना जैसी घातक बीमारी फैलाने का काम करेगा l
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि जहां सरकार द्वारा जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बाहर से आए हुए मजदूरों के खाने-पीने का इंतजाम सही तरीके से किया जाए लेकिन कुछ लापरवाह अधिकारियों की मनमानी के चलते मजदूरों को खाने-पीने और रहने की सही तरीके से व्यवस्था नहीं कराई जा रही है जिसके कारण यह मजदूर अपने घरों में जाकर भोजन करते हैं l
सबसे बड़ा सवाल यह भी उठता है कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के लाख प्रयासों के बावजूद भी जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी इतनी बड़ी लापरवाही क्यों करते नजर आ रहे हैं यह एक बड़ा ही सोचनीय विषय है l