आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा जनपद के अतर्रा पीजी कॉलेज कोविड 19 के चलते अंशकालिक शिक्षक और कर्मचारी भुखमरी के कगार पर जीने को मजबूर हो रहे हैं करीबन 2 वर्ष होने को है जिससे शिक्षकों कर्मचारियों का वेतन नहीं मिल पा रहा है जिससे कर्मचारियों शिक्षकों की हालत दिन पर दिन खराब होती चली जा रही है नौबत यहां तक है त्योहारों के दिन भी खुशी नहीं बना पा रहे हैं यहां तक खाने के लाले पड़ रहे हैं कहां जाता है की प्रचार्य और प्रबंधक की मिलीभगत से शिक्षक कर्मचारी वेतन नहीं दे रहे हैं और करीबन 2 वर्ष होने जा रहे हैं किसी का वेतन नहीं दे रहे हैं और ना ही मिल पा रहा है यहां तक प्रबंधक और प्रचार्य से मिलीभगत से आला अधिकार भी नहीं सुन रहे हैं जिससे मायूस होकर शिक्षक कर्मचारी भूखे मर रहे हैं यहां तक इस घटना को कई बार उठाया गया बार बार कहने पर भी आला अधिकारी प्रचार प्रबंधक की मिलीभगत से कोई सुनने को तैयार नहीं है सभी शिक्षक कर्मचारी बार-बार मांग कर रहे हैं आवाज उठा रहे हैं पर दुर्भाग्य देखिए की इन संस्कारों को प्रदान करने वालो की कोई कुछ सुनने को तैयार नहीं नहीं कालेज प्रबंधन नहीं जिला प्रशासन आखिर यह अपनी समास्या किसको सुनाएं।