आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा। अवैध बालू खनन के मामले में जसपुरा क्षेत्र रहवासी पत्रकार पर फर्जी एफआईआर होने से आहत पत्रकार दिनाक 17/08/2020 से आमरण अनशन”में बैठे है जिनका समर्थन करने आज कांग्रेस के नगर अध्यक्ष पुष्पेंद्र श्री वास्तव पहुँचे जिनका कहना था में पत्रकार के साथ हूं नगर अध्यक्ष ने बताया कि आप को बता दे कि चित्रकूट मंडल के बाँदा की तहसील पैलानी क्षेत्र जसपुरा का मामला है। घटना इसी अगस्त माह की है।
गौरतलब हैं कि इस प्रकरण में अवैध खनन की खबर करने वाले दो क्षेत्रीय पत्रकार पर बालू माफिया ने राजनीतिक संरक्षण लेकर पांच दिन बाद क्रॉस केस बनाने की कवायद में पुलिस का सहारा लेकर झूठी एफआईआर दर्ज कराई है। इस घटना से आहत पीड़ित पत्रकार लगातार प्रदेश सरकार से पत्रकारों के ऊपर हो रहे उत्पीड़न कार्यवाही को रोकने की गुहार कर रहे है।
बताते चलें कि इस मामले को लेकर बीते दिन पत्रकार समूह ने अंशु गुप्ता व रवि तिवारी के ऊपर लिखी मनगढ़ंत एफआईआर को लेकर पुलिस अधीक्षक जी से को ज्ञापन देते हुए- 07/08/2020 को निवेदन किया था कि पीड़ित अंशू गुप्ता जसपुरा थाना का मूल निवासी है। प्रार्थी/ पीड़ित पत्रकार अंशु गुप्ता के मोबाइल में गत दिनांक 31/07/2020 को लगभग 5.30 बजे अवैध बालू के ट्रैक्टर की सूचना दी गई थी तभी प्रार्थी ने अपने मोबाइल नंबर- 8545835337 से जसपुरा थाना में सूचना दी कि बालू से भरे अवैध दो ट्रैक्टर गौरिकला-बरहेटा मार्ग से अवैध बालू लेकर गौरीकला की तरह आ रहे है। उक्त सूचना देने के बाद अपने साथी स्थानीय पत्रकार रवि तिवारी के साथ खबर कवरेज करने चला गया। पीड़ित पत्रकार अंशु गुप्ता ने गौरी कला से जा रहे ट्रैक्टर की वीडियो अपने कैमरे में खबर के उद्देश्य से बनाई गई थी। घटना के दिन आपको बता दें कि कवरेज के बाद जब पत्रकार अपने घर की ओर जाने लगा तभी रास्ते में गौरीकला के रपटा के ऊपर पीड़ित पत्रकार अंशु गुप्ता की चार पहिया कार को बालू माफियाओं दबंगो द्वारा रोका गया इतना ही नहीं बालू खनन में संलिप्त दबंग बालू माफिया सोनू सिंह कछवाह उर्फ सिद्धार्थ पुत्र बुद्धराज सिंह कछवाह निवासी बरेहटा व रवि सिंह कछवाह पुत्र लाखन सिंह निवासी बरेहटा और जयप्रकाश पुत्र स्वo कल्लू गुप्ता निवासी गौरीकला थाना जसपुरा साथ ही एक अज्ञात व्यक्ति ने प्रार्थी की कार रुकवाकर मारपीट की। पीड़ित पत्रकार अंशु गुप्ता को असलहा लगाकर भद्दी भद्दी गालियां देने लगे। इस घटना की जानकारी पीड़ित ने मौके से सीओ सदर,एडीजी प्रयागराज जोन, टिवीटर पर दी। उल्लेखनीय हैं कि बालू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद थे कि सत्तापक्ष के विधायक का खुद को आदमी बताकर पत्रकार को मारकर बुरा हाल कर दिया था। लूट की वारदात कर आहत हुए पत्रकार का कैमरा जिसकी कीमत 10 हजार रुपया व एक मोबाइल फोन सैमसंग का जिसकी कीमत लगभग 7 हजार रुपए हैं और गले में पड़ा एक सोने का लाकेट लूट लिया गया। जिसकी कीमत लगभग 3.000 थी। पीड़ित के साथ पत्रकार रवि तिवारी भी था उसके द्वारा विरोध करने पर उसको भी चारो हमलावरों ने अवैध तमंचा निकालकर जान से मारने की प्लांटेड कोशिश की तभी गांव के तमाम लोग इकट्ठा हो गए। वारदात में शामिल चारो लोगों ने जान से मारने कि धमकी देते हुए मौके से फरारी काट ली। उक्त की सूचना पर पहुंचे थाना प्रभारी जसपुरा व सीओ सदर श्री राघवेंद्र सिंह बांदा घटना स्थल पर आये थे।
जांच करने के बाद पीड़ित का बड़े दबाव में आला अधिकारियों की सूचना बाद दिनांक 01/08/2020 को मुकदमा दर्ज किया गया। इस एफआईआर मुकदमा अपराध संख्या 62/20 में धारा 323, 392, 506 में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद लगातार उक्त दबंगो द्वारा जान से मारने कि धमकी मिल रही है। माफियाओं का कहना है कि हम तिंदवारी विधायक के आदमी है मुकदमे में सुलह कर लो यदि नहीं किया तो तुम्हे फर्जी केस में फसा देंगे। विधायक के टेरर से जेल भिजवा देंगे। उन्होंने अपने मुकदमे में अंतिम विवेचना रिपोर्ट / एफआर लगवा कर देख लेने की धमकी खुलेआम दी हैं।जब पीड़ित ने जिसकी सूचना दिनांक 04/08/2020 को सभी अधिकारियों को डाक द्वारा अवगत कराया और इसी पीड़ा के सम्बन्ध में जिले के तमाम पत्रकारों के साथ दिनांक 07/08/2020 को पुलिस अधीक्षक बांदा से ज्ञापन देकर न्याय की मांग की तो बालू माफिया को जैसे ही पता चला कि कई पत्रकार साथी पुलिस अधीक्षक के यहां गए है। तभी उन्होंने पांच दिन बाद माफियाओ ने अंशु गुप्ता व रवि तिवारी पर भी मामले को कमजोर करने की साज़िश में बीते 07/08/2020 को फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया हैं। साथ ही पीड़ित पत्रकारो को अभी धमकी मिलती है कि सुलह कर लो नही तो जेल जाना पड़ेगा। उक्त अभियुक्तों द्वारा गाहे बगाहे दिन हत्या करने की घमकी दी जाती है।
प्रभावशाली अभियुक्त बहुत ही दबंग व राजनीतिक लोग है। पुलिस द्वारा अभी तक किसी भी अभियुक्त को नही पकड़ा गया है, जो खुलेआम घूम रहे है। एसपी को दिए पत्र में पीड़ित पत्रकार अंशू गुप्ता व उसके साथी ने न्याय न होने की दशा में 15 अगस्त के बाद अशोक लाट में आमरण अनशन में बैठेने की लिखित बात की थी। जिसकी इसी क्रम में मांग है कि हैं की उक्त विधायक समर्थित अभियुक्त के खिलाफ कार्यवाही कर जेल भेजा जाये और पत्रकार के ऊपर लगे फर्जी-क्रॉस मुकदमा में वाद को स्पंज किया जाये। जानकारी हो कि पीड़ित पक्ष डब्ल्यूएनएन डिजीटल के पत्रकार हैं। पीड़ित अंशू गुप्ता ने बताया कि मेरे मामले में निष्पक्ष व राजनीति बिना प्रभावित विवेचक से जांच कराई जाए अन्यथा की स्थिति में तब तक यह आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे। आज स्थिति यह है की पुलिस राजनेता बालू खनन माफियाओं के आगे नतमस्तक है और एक पत्रकार को माफिया अपराधी बनवाने पर तुले है।
ऐसा लगता है कि आज सच्ची पत्रकारिता करना अपराध की श्रेणी मे रख लिया गया है तभी तो सत्य को उजागर करने वालों पर बालू खनन माफियाओं, राजनेताओं और भ्रष्टाचार की गंगोत्री में गले तक डूबा पुलिस का यह दरोगा बालू खनन माफियाओं का तो कुछ नहीं कर पाया य फिर यों कहिए की किया नहीं और माफियाओं को संबल प्रदान करने के लिए पत्रकार के ऊपर ही मुकादमा दर्ज कर दिया वह भी पांच दिन बाद जो जांच का विषय है ।