आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बाँदा। अपने आप को मानवाधिकार स्वयं सेवी संगठन का प्रदेश अध्यक्ष बताने वाली महिला ने खुलेआम नरैनी तहसील के सामने बाजार में राहगीर महिला पर जबरजस्त जुल्म ढाया।
बीच सड़क में प्रदेश अध्यक्षया ने महिला के बाल पकड़ कर घसीटा।नरैनी तहसील परिसर के बाहर का मामला है।खुलेआम होता रहा बवाल।मौके पर खड़ी पब्लिक बनी रहीं तमाशबीन।
मानवाधिकार संगठन की कार्यकर्ता बताकर लोगो को विषेष कर महिलाओं को न्याय दिलाने की अक्सर पैरवी करने वाली महिला फ़ातिमा ने सरेआम बाजार में एक दंपति के साथ अभद्रता का ब्यवहार किया।इतना ही नही राहगीर महिला को दौड़ा दौड़ा कर उसके बाल पकड़ कर उसे पीटा भी।कस्बे के अतर्रा नरैनी मार्ग में मौजूद तहसील परिसर के बाहर मुख्य गेट पर घण्टो बवाल चलता रहा।मौके पर खड़े लोगो ने बताया कि फातिमा जी अपने निजी कार में बैठकर निकल रही थी।ड्राइवर गाड़ी चला रहा था।तहसील परिसर के बाहर किसी काम से खड़े पुरुष व महिला को गाड़ी का धक्का लग गया।जिसके चलते दोनों पुरूष व महिला ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए गाड़ी चला रहे ड्राइवर को भला बुरा कह आपस मे तू तू मैं होने लगी।इतने में गुस्से में उतरी अपने आप को मानवाधिकार संगठन की प्रदेश अध्यक्ष बताने वाली फ़ातिमा सीधे पुरुष व महिला के साथ रौब दिखाकर मारपीट करने लगी।इतना ही नही महिला को बाल पकड़कर खूलेआम घसीटा।जिससे घण्टो बवाल चलता रहा।लोगो का खासा हुजूम मौके पर मौजूद रहा।
मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष बताने वाली यह महिला थाने भी गयी किंतु गेट के अंदर कदम रखने की हिम्मत नहीं जुटा पाई । अगर वास्तव में यह मानवाधिकार आयोग संगठन से जुड़ी है तो हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है जिसका अपने ऊपर खुद का नियंत्रण नहीं है वह दूसरी महिलाओं को क्या न्याय दिलायेगी?अगर यह नहीं है तो शासन प्रशासन को इसका संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्यवाही करनी चाहिए।