मोहित गुप्ता की रिपोर्ट
हरदोई- मिश्रिख सीतापुर तहसील क्षेत्र के पांडेश्वर महादेव मंदिर तरसावां में सात दिवसीय श्रीराम कथा, लीला दर्शन ज्ञान यज्ञ सत्संग समारोह का आयोजन लक्ष्मीकांत शर्मा के परिवार ग्राम व क्षेत्र वशियों के सहयोग द्वारा किया गया। जिसमें लखीमपुर खीरी से आए कथा व्यास श्री ज्ञानी जी द्वारा आज सोमवार की रात्रि में वासुदेव देवकी के विवाह का वर्णन भव्य झाकियों के साथ दिखाया व सुनाया गया। उन्होंने बताया कि महाराज उग्रसेन के छोटे भाई का नाम देवक था और उसकी पुत्री का नाम था देवकी था, जब देवक की पुत्री देवकी विवाह योग्य हुई तब उसने कंस के कहने पर अपनी पुत्री का विवाह शूरसेन के पुत्र वसुदेव के साथ तय किया और शुभ लग्न में टीका भेज दिया गया, तब शूरसेन भी बड़ी धूमधाम से बारात बनाकर सब देश-विदेश के नरेश साथ में लेकर के मथुरा पुरी में वसुदेव को ब्याहने के लिए आए। जब बारात नगर के निकट आई तो उग्रसेन देवक और कंस अपना दल साथ लेकर नगर के बाहर अगवानी करने के लिए गए। फिर बारात को जनवासा में ठहराया जाता है भोजन खिलाया जाता है सब बारातियों के मांडे के नीचे ले जाकर बैठाया गया और बेद की विधि से कंस ने वसुदेव को कन्यादान दिया जिसमें 15000 घोड़े 4000 हाथी अट्ठारह सौ रथ और बहुत सारे दास दासी तथा बहुत सारा धन दिया। जब बारात विदा होने लगी कंस अपनी बहन देवकी से बहुत स्नेह करता था। ऐसे ही कथा को विस्तार से वर्णन किया। वासुदेव, देवकी,भोले शंकर पार्वती ऐसे ही बहुत सारी झाकियों को देख कर कथा श्रोताओं ने आनंद लिया।आसपास के गांवों से भारी संख्या में महिलाएं कथा का सार सुनने को पहुंची। कथा व्यास श्री ज्ञानी जी ने भक्तों को वसुदेव देवकी के विवाह का वृतांत सुनाया। भोले शंकर पार्वती बने बच्चों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से उपस्थित भक्तों को दिल जीत लिया। संगीत मंडली ने भजन गाकर माहौल को भक्ति रस में डुबो दिया। कथा के समापन पर भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर श्री राम कथा के आयोजक लक्ष्मीकांत शर्मा, कमलेश शर्मा, रा शर्मा,रमेश शर्मा, सुरेश शर्मा, अनील शर्मा, सौरभ शर्मा, राम चन्दर मौर्य,विक्रम मौर्य, दीपक मौर्य, कुबेर मौर्य एवं सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रवासी व ग्रामवासी मौजूद रहे।