मुंबई संवाददाता
मुंबई: लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकारिता है, और पत्रकारों के जान पर आई तो कभी कभी मालिका भी पत्रकरोको सुरक्षा मुहैया नही कर पाते और पत्रकारिता विकलांग होती है, ऐसे निडर पत्रकारो का साथ आरपीआई डेमोक्रॅटिक पार्टी देशभर मे देगी और उनके मूलभूत अधिकरो पर आवाज उठायेगी। समय आने पर आंदोलन का रास्ता अपणायेगी। यह बात पार्टी प्रवक्ता एवं केंद्रीय महासचीव डॉ. राजन माकनिकर ने हमारे प्रतिनिधि से कही।
यद्यपि पत्रकारिता के शौक या शौक के बजाय जिम्मेदारी के रूप में काम करने वालों की संख्या कमोबेश एक ही है, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अमीरों के चंगुल से बंधे हुए लगते हैं।
युवा और जिम्मेदार पत्रकारों ने सोशल मीडिया का लाभ उठाया है ताकि पोर्टल और यूट्यूब चैनल स्थापित किए जा सकें। सोशल मीडिया पर, उन्हें विज्ञापन पर थोडा-बहुत पैसा मिलता है, जबकि कुछ को सालों तक कुछ नहीं मिलता है। वीडियो संपादन पोर्टल नवीनीकरण की लागत को बढ़ाता है। ऐसे समय में, पत्रकारिता संदिग्ध हो जाती है और धीरे-धीरे गुलामी की ओर बढ़ जाती है। एक पत्रकार जो घर के खर्चों और जवाबदेही से ग्रस्त है, वह राजनेताओं को विज्ञापनों के लिए देखता है। यह संदेह है कि पत्रकारिता को गिरवी नहीं रखा जाएगा।
युवा अध्यक्ष कनिष्क कांबले, राज्य महासचिव श्रवण गायकवाड़, दक्षिण भारतीय सेल के प्रमुख राजेश पिल्ले और बंजारा सेल के प्रमुख शिवभाई राठौर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही स्वतंत्र आवास, बुनियादी आवश्यकताओं के साथ-साथ पोर्टल और यूट्यूब चैनल के बारे में विचार करेगा। सूचना और प्रसारण मंत्रालय का दौरा करके पत्रकारों से संबंधित मुद्दों, सरकारी बैंकों से ऋण, स्कूली बच्चों को रियायतें, आदि और अन्य मुद्दों पर चर्चा करके मांगे पुरी ही करणे की ठाण ली है येह बात डॉ माकनिकर द्वारा मीडिया को बतायी गयी है।
आवास के लिये मंत्री जितेंद्र आव्हाड से सकारात्मक चर्चा हुई है। राज्य में पपत्रकरो के प्रस्ताव शेष हो तो आरपीआय कार्यालय मे जमा करने को पार्टी की और से कहा गया है क्यू की वह सरकार को जल्द ही प्रस्तुत किए जाएंगे।
डॉ. माकनिकर ने यह भी कहा है कि अगर मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो पूरे देश में बड़े पैमाने पर आंदोलन होगा।