मोहन प्रसाद यादव की रिपोर्ट
अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के युवा मृदुभाषी भाजपा नेता एवं जनपद अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इंदिरागांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक द्वारा स्थानीय लोगो के साथ भेद भाव करते हुए अपने उद्देश्यों से भटक गया है व दिनों दिन क्षेत्र व समाज के लोगो के साथ पक्ष-पात का रवैया अपना चुका है यहाँ पदस्त क्षेत्रीय कर्मचारियों को सडयंत्र पूर्वक निकाल कर उत्तर प्रदेश के लोगों को लाने के तैयारी में जुट गया है जबकि विश्वविद्यालय का उद्देश्य क्षेत्र व जनजातीय समाज के लोगो को बढ़ाना व रोजगार उपलब्ध कराना है । लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा उंसके विपरीत निम्नलिखित कार्य किया जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है –
1- जब 2008 में विश्वविद्यालय की स्थापना हुआ था तब क्षेत्रीय लोगों की उपलब्धता शिक्षा में 95 प्रतिसत था लेकिन अब वही प्रतिशत कम होकर 5 से 10 प्रतिसत रह गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं व चिन्तनीय है।
2- इंदिरागांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्विद्यालय इकलौता जनजातीय विश्वविद्यालय है लेकिन दुर्भाग्य है जनजातीय समाज का की यहाँ जनजातीयो के लिए 50 प्रतिसत आरक्षण तक नहीं है जो दुर्भाग्यपूर्ण है जबकि अन्य विश्व विद्यालयो में उनके नाम से बने लोगो को 50 प्रतिसत आरक्षण दिया जा रहा है लेकिन जनजातियों के साथ ही बस भेद भाव विचारणीय है।।
3- इस विश्वविद्यालय में अपने अधिकार की बात करने वाले निचले क्रम के कर्मचारियों को भेद भाव पूर्ण कारवाही कर निकालने का प्रयास किया जा रहा है जिससे कोई जनजातीय समाज के व्यक्ति अपने अधिकार की बात न कर सके। इस तरह कृत्य पूरे जनजातीय समाज व क्षेत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
4 – विश्व विद्यालय में पदस्त या वहाँ से जुड़े अन्य समाज के लोग जनजातीय समाज के लड़कियों को बहला फुसला के शादी कर के उनके नाम से यहाँ के भोले भाले लोगो गुमराह कर के यहाँ के जमीनों को ले ले कर जमीन जिहाद चलाने का कार्य किया जा रहा है जो क्षेत्र व समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।।
5 – जनजातीय विश्वविद्यालय में जनजातीय समाज के नाम से आने वाले करोड़ो रूपये के वजट का बन्दर बाँट कर हड़प लिया जा रहा है जिसका क्षेत्र व समाज को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। जो बहोत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
6 – जनजातीय समाज के लोगो को किसी भी प्रकार के नियुक्तियों में व व्यापार में व शिक्षा में आरक्षण नहीं दिया जा रहा जो दुर्भाग्यपूर्ण है।।
अतः आप सभी क्षेत्रीय व जनजातीय समाज के सभी युवा व युवतियों से आग्रह है ये लड़ाई हम सब के अधिकार व हक की लड़ाई है और इसे हम सब को मिल के लड़ना है अगर आज हम इस हक के लड़ाई में शामिल नहीं हुए तो न हमारे क्षेत्र को कोई आरक्षण मिलेगा और न ही इस विश्वविद्यालय का यहाँ के क्षेत्रीय लोगो को कोई लाभ नही मिल पायेगा इसलिए क्षेत्र व समाज के हित के लिए आप सब आगे बढिये आंदोलन में आ के आंदोलन को सफल बनाइये!