मोहन प्रसाद यादव की रिपोर्ट
अनूपपुर – जिला मुख्यालय का सबसे सुर्खियों वाला विभाग खनिज अपने कारगुजारियों के लिए जाना जाता है,यहां मौजूद,अधिकारी,कर्मचारी,सूचना के बाद फ़ोन बंद कर लेते है,फ़ोन उठता नही और इन सब के पीछे खनिज माफियाओं से सांठगांठ है,सूत्र बताते है कि जिले में सबसे ज्यादा भृष्टाचार अगर किसी विभाग में है तो वो है खनिज विभाग,यहाँ तैनात कुम्भकर्णीय नींद में रहते है,माफियाओं के सामने नतमस्तक है,और माफियाओं से इतनी जोरदार सेटिंग है कि कही से खबर आये की यहां अवैध उत्खनन परिवहन हो रहा है तो अक्सर जिम्मेदारों के फोन बंद हो जाते है,और कही की रेत कही की ई टीपी का खेल सब इनके संरक्षण में चलता है,
सूत्रों की माने तो कुछ माफियाओं द्वारा प्रदेश सरकार के मंत्री बिसाहुलाल सिंह का नाम ले कर धौंस दिखाते हुए वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद मंत्री बिसाहुलाल सिंह ने कल कलेक्टर अनूपपुर,और खनिज विभाग के जिम्मेदारों को बुला कर साफ लहजे में समझाने का प्रयास किया है अब देखना यह है कि प्रदेश सरकार के मंत्री की समझाइश इन जिम्मेदारों पर कितना असर करती है
खनिज विभाग के सूत्रों की माने तो इस विभाग में मौजूद अधिकारियों कर्मचारियों के माफियाओं से इतने तगड़े संबंध है कि ये जल्दी खत्म होने वाले नही है और मंत्री के समझाइस के बाद भी विभाग और माफिया मिल कर दूसरा रास्ता जल्द ही खोज निकालेंगे
आखिर क्यों टोकन में बिक रही रेत
क्या खनिज विभाग के पास ई टीपी के अलावा कोई ऐसा टोकन भी है जिसे माफियाओं के पास देख कर पुलिस और खनिज विभाग टोकन वाली गाड़ियों पर कार्यवाही नही करते,क्यों कि खनिज माफिया अक्सर वीडियो में टोकन की बात करते नजर आ रहे है
आम जनता को लूट रहे माफिया,जिला प्रशासन मौन
जिले में पंद्रह सौ की रेत तीन से चार हजार तक माफियाओं के द्वारा बेंची जा रही है और आम जनता को लूटा जा रहा है जबकि हमारे सूत्र बताते है टोकन पूरी तरह अवैध है और ये टोकन खनिज,पुलिस,और माफियाओं की सांठगांठ की वैधता है ।
सूत्रों की माने तो 13 करोड़ की रेत खदाने अब 39 करोड़ में माफियाओं के हांथो में सौंप दी गई है जिसके चलते ये सारा खेल खनिज विभाग,माफिया,पुलिस मिल कर खेल रहे है सूत्र बताते है असल ठेकेदार ने अनूपपुर के रेत माफियाओं से सांठगांठ कर 39 करोड़ में टिका दिया है और अब उसका खामियायज जिले की जनता महंगा रेत खरीद कर भुगत रही है