मोहन प्रसाद यादव की रिपोर्ट
अनूपपुर । प्रसिद्ध साहित्यकार उदय प्रकाश का पुश्तैनी मकान सोन नदी के तट पर स्थित सीतापुर ग्राम जो अनूपपुर जिला मुख्यालय के नजदीक स्थित है उनके घर के सामने की रोड जिस पर उदय प्रकाश का दावा है कि वह उनकी पुश्तैनी मिल्कियत है जिसका दान पत्र सड़क के लिए तत्कालीन कलेक्टर अजय शर्मा जी के समय उदय प्रकाश ने जिला प्रशासन को दे दिया था इस सड़क की हालत बद से बदतर हो गई है वह सड़क और खराब ना हो इसके लिए उदय प्रकाश के नेतृत्व में कुछ और युवाओं के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए जिला खनिज कार्यालय के द्वारा राजसात की गई रेत के परिवहन के लिए की जा रही है सड़क पर पत्थर डाल कर रोक दिया गया था ।जिला खनिज अमले और साहित्यकार उदय प्रकाश और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कुमकुम सिंह और रेत ठेकेदारों के जी डेवलपर्स के प्रतिनिधियों के बीच सड़क के मरम्मत को लेकर रेत के ट्रकों से अतिरिक्त टैक्स लगाने की बात साहित्यकार उदय प्रकाश कर रहे थे ।उसी समय भाजपा किसान मोर्चा का जिला अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह बीच बातचीत में घटनास्थल में पहुंचते हैं और कहते हैं कि यह सड़क पंचायत की है किसी के बाप की नहीं है। वहीं भाजपा एक संस्कार की पार्टी है और भाजपा के पदाधिकारी होते हुए ऐसे अनैतिक अनर्गल बातें करते हुए भाजपा के कार्यकर्ताओं को शोभा नहीं देता ऐसे कार्यकर्ता पार्टी को बदनाम करते है और अनैतिक बात करते हुए बहस बढ़ गई तभी एक लड़का आता है और साहित्यकार उदय प्रकाश के साथ अपशब्दों का प्रयोग करते हुए ट्रक से दबाकर मारने की धमकी देने लगा कुछ ग्रामीणों के हस्तक्षेप कर उसे वहां से हटा दिया पर वह लड़का बार-बार आकर उन्हें धमकी देता रहा बाद में जिला खनिज अधिकारी ने भी धमकी देने वाले लड़के को वहां से डांट कर हटाया उदय प्रकाश जी का कहना है आज जो घटना मेरे साथ घटी उससे मेरा पूरा परिवार दहशत में है और जिला प्रशासन को चाहिए कि मुझे सुरक्षा मुहैया कराये क्योंकि कई जिम्मेदार अधिकारियों नागरिकों के सामने रेत माफियाओं ने मुझे ट्रक से कुचलकर मार देने की धमकी दी गई है और मेरी पत्नी यहां अकेले रहती है ये रेत माफिया मेरे और मेरे परिवार के साथ बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं साहित्यकार उदय प्रकाश को रेत माफियाओं के द्वारा ट्रक के नीचे दबाकर कुचल देने की धमकी खनिज अधिकारियों की मौजूदगी में दी गई।