मोहन प्रसाद यादव की रिपोर्ट
अनुपपुर/राजनगर। नगर में आए दिन दबंगों का आतंक बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला अनुपपुर जिले के रामनगर थाना का है। जहां दबंगों के हौसले इतने बुंलंद हो गए कि उन्होंने पुलिस पर ही हमला बोल दिया। बीती रात दबंगों ने रामनगर थाना प्रभारी के सामने आरक्षक के साथ मारपीट व गली गलौज की और थाना प्रभारी चुपचाप तमसा देखते रहे और उन बदमाशों को जाने दिया, इससे साफ होता है की रामनगर थाना प्रभारी अपने कर्मचारियों के कितने हमदर्द है जिससे रामनगर थाने के कर्मचारी अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं।
सैंया भए कोतवाल तो डर कहे का
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी की सेटिंग रेत माफिया, कोयला माफिया, शराब माफिया ,सट्टा कारोबारियों के साथ हैं, इन माफियाओं को जब प्रभारी का संरक्षण प्राप्त हो तो फिर दबंगों को किस बात का डर भय क्यों ना प्रभारी के नीचे के कर्मचारियों को अपनी धौस दिखाएं।जब आरक्षक ही प्रभारी के सामने पिट जाए तो भला आम जनता थाना प्रभारी से क्या उम्मीद रखेगी, बाहरहाल यह जिले के बैठे उच्च अधिकारियों को सोचना चाहिए की ऐसे प्रभारियों से क्या समाज की सुरक्षा हो सकती है ?
क्या है मामला
करीब 2:00 बजे के आसपास रविशंकर व प्रकाश सिंह नामक दो दबंग जिसमें से एक के खिलाफ जिला बदर की कार्यवाही भी माननीय जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में लंबित पड़ी है, दूसरे के अपराधिक मामले थाने में दर्ज हैं, बीते कुछ दिनों से दोनों दबंग स्थानीय बंद खदानों कालरी के खाली पड़ी कॉलोनियों के आवासों व जंगल में स्थानीय थाना प्रभारी के संरक्षण में जुए की फड़ भी चला रहे हैं, इन दोनों ने पॉइंट ड्यूटी पर लगे आरक्षक कपिल देव चक्रवर्ती के साथ गाली-गलौज की और मारपीट की है।
घटना की सूचना आरक्षक ने थाना प्रभारी को दूरभाष पर दी व अन्य लोगों को भी इसकी जानकारी दी,थोड़ी देर में प्रभारी एक प्रधान आरक्षक व दो आरक्षकों के साथ भगत सिंह चौक भी पहुंच गए, प्रभारी के सामने भी दोनों दबंग अपनी दबंगई दिखाते रहे,लेकिन किन कारणों से प्रभारी अपने मातहतों की रक्षा नहीं कर पाए यह समझ से परे है।
हालांकि प्रभारी ने वहां से लौटकर फरियादी आरक्षक 431 कपिल देव चक्रवती की शिकायत पर दोनों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत अपराध कायम कर लिए हैं,लेकिन सवाल ये उठता है कि जब प्रभारी के सामने मातहतों के साथ गाली गलौज और मारपीट की जाए और प्रभारी कथित दबंगों को तत्काल गिरफ्तार करने की जगह उन्हें यहां से जाने का मौका दें।