मोहन प्रसाद यादव की रिपोर्ट
अनूपपुर/ग्राम पंचायत मौहरी जनपद पंचायत जैतहरी जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश अंतर्गत ग्राम प्रधान श्री मती राम बाई बैगा द्वारा शासकीय नियमों एवं विनियमो के विपरीत मनमाने तरीके से ग्राम पंचायत के अन्य सदस्यों को विश्वास में ना लेकर स्वेच्छा पूर्वक विधि विरुद्ध तरीके से ग्राम पंचायत का संचालन प्रस्ताव व ग्राम सभा की अनुमति के बिना शासकीय राशियों का दुरुपयोग मनमाने तरीके से कर रही है ग्राम प्रधान के द्वारा प्रस्ताव रजिस्टर में कभी भी सभी सदस्यों का हस्ताक्षर कराए बिना निर्माण कार्य विधि विरुद्ध तरीके से प्राक्कलन के विपरीत गुणवत्ता विहीन कार्य करा कर फर्जी तरीके से राशि का आहरण कर लिया जाता है विधायक निधि से तीन पुलिया निर्माण का कार्य मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह के द्वारा मौहरी ग्राम को दिया गया था निर्माण क्रमशः 14 लाख 98 हजार एवं 7 लाख 50 हजार 2 नग की लागत से कुल 30 लाख रुपए पुल निर्माण के लिए स्वीकृत हुआ। जिसकी निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत मौहरी है उक्त कार्य को भी कमीशन खोरी की वजह से ग्राम प्रधान एवं सचिव के द्वारा ठेकेदारों के द्वारा कराया जा रहा है और गुणवत्ता विहीन कार्य हो रहा है साथ ही फर्जी तरीके से बिल लगाकर पैसों का आहरण कर लिया जा रहा है प्राक्कलन के अनुसार ना तो उसमें सीमेंट की मात्रा डाली जा रही है ना ही सरिया प्राक्कलन अनुसार उसमें लगाया जा रहा है ग्राम पंचायत मौहरी के पंचायत भवन में बाउंड्री वॉल कराया गया है जिस बाउंड्री वाल को पूर्ण भी नहीं कराया गया है और पूरी राशि का गबन कर लिया गया है एवं वार्ड क्रमांक 9 वार्ड क्रमांक 10 वार्ड क्रमांक 3 वार्ड क्रमांक 5 वार्ड क्रमांक 8 में बने आरसीसी रोड का निर्माण हुआ है वह भी गुणवत्ता विहीन होने से निर्माण होने के कुछ महीनों बाद ही उखड़ कर एक के एक गिट्टी बाहर निकल कर इधर उधर फेंकी जा रही है इन गुणवत्ता विहीन कार्यों को देखते हुए एवं फर्जी राशियों का आहरण को देखते हुए ग्राम पंचायत मौहरी के उपसरपंच एवं सभी पंचों के द्वारा माननीय अनुविभागीय अधिकारी जैतहरी से आवेदन एवं शपथ प्रस्तुत कर ग्राम प्रधान मौहरी को पद से पृथक करने की कार्यवाही की मांग की है। जिस पर अनुविभागीय अधिकारी द्वारा संज्ञान लेते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनूपपुर को धारा 40 की कार्यवाही करने पत्र जारी किया गया है क्योंकि वर्तमान समय में सरपंच सचिव के ऊपर उक्त धारा के तहत कार्यवाही का अधिकार राज्य शासन द्वारा संशोधित कर अनुविभागीय दंडाधिकारी के स्थान पर सीईओ जिला पंचायत को प्रदान कर दिए गए हैं।