राम जनम यादव की रिपोर्ट
नई दिल्ली : प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा और समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के मानकों को बढ़ाने वाली संस्था यानी एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (IGI) ने किसानों पर हो रही मीडिया की गलत कवरेज को लेकर कहा है कि मीडिया का कुछ हिस्सा बगैर किसी प्रमाण के प्रदर्शन कर रहे किसानों को ‘खालिस्तानी’ और ‘देश-विरोधी’ बताकर आंदोलन को अवैध ठहरा रहे है, ऐसे कृत्य पत्रकारिता के सिद्धांतों के खिलाफ है, ऐसी चीज़ें मीडिया की विश्वसनीयता को कम करती है।
यह अच्छी बात है कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने चिंता जाहिर की है, लेकिन जो मीडिया संस्था झूठ और प्रोपगेंडा फैला रहे है उनके ऊपर एक्शन कैसे लिया जाए और यह करना भी बेहद जरूरी है, क्योंकि ये बेलगाम हो चुके है इन सब पर अब लगाम कसने की भी जरूरत है ।