विकास की रिपोर्ट
लुधियाना। रसोई से सिलेंडर बेचकर अपने इलाज को सिविल अस्पताल में आई गर्भवती का पहले सफाई सेवक ने मोबाइल छीन लिया और अब उसके बच्चे की भी पेट में मौत हो चुकी है। अखबारों में खबर प्राकशित होने के बाद समाजसेवी उसकी सहायता के लिए आगे आए हैं। उसकी इस हालत का जिम्मेदार पुलिस प्रशासन और सेहत विभाग दोनों हैं। सेहत विभाग ने उसका सही से इलाज नहीं किया है और पुलिस प्रशासन ने उसे दो दिन तक धूप में चौकी के बाहर बिठाए रखा।
मूल रूप से गोरखपुर निवासी गर्भवती प्रीती आठ माह की गर्भवती है। पीड़ित महिला का पति एक निजी फैक्ट्री में काम करता है। वह 28 जून को मदर चाइल्ड अस्पताल में आई थी।
इसी दौरान उसके पास एक सफाई सेवक आया और बोला कि तुम्हारे पति ने मोबाइल मंगवाया है। इस पर उक्त सफाई कर्मी मोबाइल लेकर फरार हो गया। जब उसका पति आया तो पता चला कि उनका मोबाइल चोरी हो चुका है। इसी दौरान अस्पताल प्रबंधन ने उसे पटियाला रेफर कर दिया और वहां से पीजीआइ भेज दिया गया। वहां भी वह अपना इलाज नहीं करवा पाई तो पंजेब बेचकर वापस लुधियाना आई और मोबाइल चोरी की शिकायत पुलिस चौकी सिविल अस्पताल में दी।
सफाई कर्मचारी से अन्य मोबाइल दिलाया गया है, मगर उस पर मामला दर्ज नहीं किया गया है। प्रीती का कहना है कि अब डाक्टरों ने उसे कहा है कि बच्चे की धड़कन बंद हो गई है और जल्द से जल्द पत्नी के लिए रक्त का इंतजाम कर उसे यहां से पटियाला ले जाए। वहीं, सिविल अस्पताल की कार्यकारी एसएमओ डॉ. हतिंदर कौर ने कहा कि महिला का इलाज चल रहा है और उसे रक्त चढ़ाया जा रहा है।