मो० काजीरुल शेख की रिपोर्ट
पाकुड़। एसपी के निर्देश पर नगर थाना प्रभारी रामचंद्र सिंह पहुंचे गौशाला,कहा गौ माता को खाने के लिए कोई कमी नही होगी।
चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने 26 हजार छह सौ रुपया का दिया चेक,पूर्व में 29 हजार का दे चुके हैं चेक।
श्री गोपाल गौशाला की दयनीय स्थिति को लेकर शहर के समाजसेवियों,चेम्बर ऑफ कॉमर्स एवं जिला प्रशासन के साथ साथ अब पुलिस प्रशासन ने भी हर सम्भव मदद करने का आश्वासन दिया है।श्री गोपाल गौशाला में लॉकडाउन में गायों की दयनीय स्थिति एवं चारा की मुकम्मल व्यवस्था नही रहने को लेकर मीडिया पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई थी।इसके अलावे पाकुड शहर के समाजसेवी अभिषेक गोयल ने श्री गोपाल गौशाला की दयनीय स्थिति को लेकर ट्विटर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन,झारखंड पुलिस एकाउंट एवं डीसी पाकुड को ट्वीट किया था।इसके बाद समाजसेवियों के साथ साथ जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने भी गौशाला प्रबन्धन को हर साम्भव मदद का वायदा किया है।पुलिस कप्तान के आग्रह पर मंगलवार को पाकुड पुलिस एवं शहर के अभिषेक गोयल ने गौशाला प्रबन्धन को दो गाड़ी पुआल के साथ साथ चोकर और खल्ली उपलब्ध कराया है।थाना प्रभारी रामचंद्र सिंह ने कहा है कि पुलिस कप्तान के निर्देश पर दो गाड़ी पुआल और खल्ली तथा चोकर उपलब्ध कराया गया है। गौ माता को हर तरह का सहयोग किया जाएगा।उन्होंने कहा पशुपालकों को किसी तरह का कोई परेशानी हो तो निश्चित तौर पर मदद की जाएगी।इधर डीसी के आग्रह पर चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने मंगलवार को 26 हजार छह सौ रुपये का चेक गौशाला प्रबंधन को दिया है।पूर्व में भी 29 हजार का चेक गौशाला प्रबन्धन को दिया था।गौशाला कमिटी के प्रवीण जैन ने कहा कि गौशाला को और भी मदद की जरूरत है।क्योंकि पूर्व में मिल रहे दान में भारी कमी आई है। जिस कारण हरा चारा आदि खरीदने में मुश्किल हो रहा है।मौके पर गौशाला प्रबन्धन बद्री प्रसाद भगत,सह सचिव अनिल टेबड़ीवाल, शिव कुमार अग्रवाल,चेम्बर ऑफ कॉमर्स के निर्मल जैन,श्रवण टेबड़ीवाल,अभिषेक गोयल,मुफ्फसिल थाना प्रभारी आदि मौजूद थे।
क्या है मामला
कोरोना वायरस (कोविड-19) को लेकर छोटे-बड़े सभी व्यवसाय पूरी तरह ठप है।जिस कारण श्री गोपाल गौशाला में तीन सौ गाय के समक्ष चारा की कमी हो गई है। प्रबन्धन ने बताया जब से लॉकडाउन हुआ है तभी से दानदाताओं में भारी कमी आई है। ऐसे में तीन सौ गायों को आहार,चारा जुटाने तथा मजदूरों को मेंटेनेंस करने में काफी कर्ज हो रहा चुका है। जबकि 110 से 120 लीटर दूध प्रतिदिन होने के बावजूद भी खर्च का वहन नही हो पा रहा है।