संवाददाता- विवेक चौबे
गढ़वा : कोरोना वायरस से उतपन्न महामारी को लेकर लॉकडाउन लागू करने से पूर्व प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के लिये स्पष्ट संदेश जारी किया था कि मीडियाकर्मियों के ऊपर इसे लागू नहीं किया जायेगा। वे अपना कार्य स्वतंत्र रूप से करेंगे। गृहमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा भी इस बाबत निर्देश जारी किये गये हैं उसके बावजूद भी लगातार मीडियाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। कई मामले ऐसे भी देखने को मिले हैं, जहाँ अधिकारी पुरानी रंजिश को निकालने के लिये इसे सुनहरा अवसर समझ कर अपनी मनमानी कर रहे हैं। बता दें कि झारखण्ड में पाकुड़ जिला के पश्चात अब दूसरी घटना गढ़वा जिला के धुरकी प्रखंड से सामने आयी है। प्रखंड विकास पदाधिकारी- रंजीत कुमार सिन्हा पर पत्रकार से दूर्व्यवहार का मामला सामने आया है। इस संबंध में पत्रकार- दीपू सिंह के द्वारा उपायुक्त को लिखित शिकायत की गई है। इस सबंध में दीपू सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वह अपने गांव से मजदूरों के लिए सत्तू लेने धुरकी प्रखंड मुख्यालय आ रहे थे । इसी बीच धुरकी के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी ने उन्हें रास्ते में रोका । उन्होंने उनसे लॉकडाउन में बाहर निकलने से मना किया ।दीपू सिंह ने कहा कि वह निर्धारित मापदंड के बाद ही जरुरी कार्य से प्रखंड मुख्यालय जा रहा हूँ । दीपू के इतना कहने के पश्चात प्रखण्ड विकास पदाधिकारी आग बबुला हो गए व उनके साथ अभद्रता पूर्वक व्यवहार किया । इस सबंध में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी- रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि दीपू बिना मास्क लगाए हुए थे । मैं ने उन्हें लॉकडाउन का पालन करने की नसीहत दी थी। उसके पश्चात वह वहां से चला गया । बाद में अपने बाईक से ही लौट आए और उनके पास बकझक करने लगे । इधर पूरी घटना के सबंध में पूछे जाने पर नगरउंटारी एसडीओ- कमलेश्वर नारायण ने कहा कि यदि प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा पत्रकार के साथ किसी प्रकार का दूर्वयवहार किया गया है तो यह जांच का मामला है। दोनों पक्ष के सुनने के पश्चात ही कुछ कहा जा सकता है ।मामले पर उपायुक्त हर्ष मंगला ने कहा कि अभी तक इस प्रकार का कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं पहुंचा है । मामला आने के पश्चात ही वह कुछ कह पाएंगे। पूरे मामले को लेकर झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष- देवेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से यह अपील किया है कि मीडियाकर्मियों से इस प्रकार का व्यहवार किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए व तत्काल इस पर कार्यवाई होनी चाहिये ताकि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ निष्पक्ष रहकर अपना कार्य कर सके।