विवेक चौबे की रिपोर्ट
पलामू झारखंड। कोरोना वायरस की महामारी से उत्पन्न चुनौती और खतरे से निपटने के लिए भारत सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है। देश की जनता के सक्रिय सहयोग से हम देश में वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में सक्षम हैं। लेकिन देश के कुछ पिछड़े इलाकों में ‘कोरोना देवी’ की पूजा की खबरें आ चुकी हैं. अंधविश्वास की वजह से कुछ लोगों को लगता है कि इस देवी की पूजा करने से कोरोना वायरस से बचना संभव है. ताजा मामला झारखंड के पलामू जिले की है, जहां ‘कोरोना देवी’ के लिए व्रत रखने से एक औरत की मृत्यु हो गई है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की पलामू जिले के सिलदिली के टोला सिकनी में प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर एक अफवाह फैल गई. कहा जाने लगा कि प्रधानमंत्री ने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कोरोना देवी का व्रत रखने के लिए कहा है. और जो औरतें व्रत रखेंगी, उनके अकाउंट में पैसे डाले जाएंगे. ऐसा सुनकर 20-25 महिलाओं ने व्रत रखा. उनमें से एक थीं वशिष्ठ पासवान की पत्नी 40 वर्षीय वैजयंती देवी. दिनभर भूखा रहने से उनका ब्लड प्रेशर नीचे गिरने लगा. पेट में दर्द होने लगा और लकवे के लक्षण दिखने लगे. परिवार वाले इलाज के लिए उन्हें मोदीनगर ले जाने लगे. रास्ते में रतनाग गांव के समीप उसकी मृत्यु हो गई।
खबरों के अनुसार पांडू ब्लॉक की पुलिस ने लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए पलामू मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया है. थाना प्रभारी ने लोगों को कहा है कि कोरोना एक महामारी है, इससे बचने के लिए किसी तरह के अंधविश्वास में न पड़ें. मास्क का इस्तेमाल करें और दूसरे लोगों से हमेशा कुछ दूरी बनाए रखें।