पंकज मणि तिवारी रिपोर्ट
आज आधुनिक युग में राष्ट्र निर्माण आदि में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक अपनी अग्रणी व महती भूमिका निभा रहे हैं। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा की देश के हर परिस्थितियों में स्वंयसेवी कदम से कदम मिलाकर देश के विकास में तथा त्याग व बलिदान भी भरपूर योगदान दे रही है उक्त बातें जिले के राजा श्री कृष्ण दत्त पीजी कालेज जौनपुर राजनीति विग्यान विभाग के शिक्षक तथा रा.से.यो. कार्यक्रम अधिकारी राजपथ दलनायक द्वारा कही गई। आगे उन्होंने बताया। स्वैच्छिक समुदाय सेवा के माध्यम से युवा छात्रों के व्यक्तित्व और चरित्र के विकास के प्राथमिक उद्देश्य से राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) को 1969 में शुरू किया गया था। शुरूआत में इसे 37 विश्वविद्यालयों में शुरू हुआ यह कार्यक्रम आज अखिल भारतीय कार्यक्रम बन गया है। एनएसएस केंद्र सरकार का कार्यक्रम है। फिर भी केंद्र और राज्यों के बीच प्रभावी सहयोग के कारण राज्यों और शैक्षिक संस्थानों में कार्यक्रम का कार्यान्वयन संभव हो सका है। एनएसएस इकाइयां उन गतिविधियों का आयोजन करती हैं जो समुदाय के लिए प्रासंगिक है। समुदाय की जरूरतों के अनुसार गतिविधियां जारी हैं। मुख्य गतिविधियों वाले क्षेत्रों में शिक्षा और साक्षरता, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और पोषण, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक सेवा कार्यक्रम, महिलाओं की स्थिति में सुधार, उत्पादन उन्मुख कार्यक्रम, आपदा राहत तथा पुनर्वास संबंधी कार्यक्रम, सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अभियान, डिजिटल भारत, कौशल भारत, योग इत्यादि जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता पैदा करना आदि शामिल है आज इनकी भूमिका महनीय है।