सन्नी यादव की रिपोर्ट
रायपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ सुश्री अनुसुईया उइके द्वारा जारी आदेश में यह उल्लेखित किया गया है कि मोक्षदा चन्द्राकर का कार्यकाल, उपलब्धियां तथा सेवा शर्त विश्वविद्यालय अधिनियम एवं परिनियम में निहित प्रावधान अनुसार होंगी।
जानकारी के अनुसार राज्यपाल अनुसूईया उईके ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। दो कार्यकाल तक कुलपति रही प्रो डॉ मांडवी सिंह की जगह अब ममता चंद्राकर लेंगी। आपको बता दें कि प्रो मांडवी सिंह का दूसरा कार्यकाल भी 10 मई 2019 को खत्म हो चुका था, लेकिन उनकी जगह पर नये कुलपति की नियुक्ति नहीं की गयी थी।
छत्तीसगढ़ का राजगीत बना अरपा पैरी के धार भी ममता चंद्राकर ने ही गाया। ममता चंद्राकर छत्तीसगढ़ की मशहूर लोकगायिका है। छत्तीसगढ़ का राजगीत बना अरपा पैरी के धार भी ममता चंद्राकर ने ही गाया है। उन्हें साल 2016 में भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा था। कला के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ से यह नौवां पुरस्कार था।
मशहूर गायिका ममता चंद्राकर बचपन से लोकगीत गाते आ रही हैं। इसमें उनके पिता दाऊ महासिंह चंद्राकर का पूरा सहयोग रहा है और कई दशकों से छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों में रेडयो और सीडी में उनके गीत सुनाई पड़ रहे हैं।
उनके पिता दाऊ महासिंह चंद्राकर भी लोककला के संरक्षक थे। छत्तीसगढ़ी फिल्मों में भी उन्होंने अपनी आवाज का जादू बिखेरा है।