हरिश साहू की रिपोर्ट
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री यशवंत कुमार ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम तथा आमजनों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से जिले में कोरोना संक्रमित प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के कारण संक्रमण को रोकने एवं नियंत्रण के लिए जिले में गणेशोत्सव मनाने के संबंध में आदेश/निर्देश जारी किया गया है। जारी आदेश के अनुसार गणेश मूर्ति की ऊंचाई एवं चैडाई 3×3 फीट मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15×15 फीट से अधिक नही होना चाहिए।
पंडाल के सामने कम से कम 2400 वर्गफीट की खुली जगह होनी चाहिए
पंडाल एवं सामने 2400 वर्गफीट की खुली जगह में कोई भी सडक अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो।
मुख्य मार्ग , सडक अथवा गलियों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति नही होगी।
पंडाल/मंडप के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल न हो, दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नही लगायें जायेंगे।
किसी भी एक समय में पंडाल एवं मंडप के सामने मिलाकर 10 व्यक्ति से अधिक नही होना चाहिए। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जायेगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकें।
मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति सीसीटीवी कैमरा लगायेगा, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकें।
मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नही जायेगा। ऐसा पाए जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाइजर थर्मल स्कीनिंग आक्सीमीटर, हेंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विषेश लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नही देने की जिम्मेदारी समिति की होगी।
व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर कराया जायेगा।
यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा वहन किया जावेगा।
कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी।
मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नही होगी।
मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नही होगी।
मूर्ति विसर्जन के लिये एक से अधिक वाहन की अनुमति नही होगी। मूर्ति विसर्जन के लिये पिकअप, टाटाएस (छोटाहाथी) से बडे वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के लिए उपयोग किए जा रहे वाहन में किसी भी प्रकार की अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नही होगी।
मूर्ति विसर्जन के लिये 04 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैंठेगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नही होगी।