रघु यादव मस्तूरी की रिपोर्ट
मस्तूरी विकासखंड कुल 238 प्राइमरी एवं 119 मिडिल स्कूल संचालित होते हैं जिसमें अभी पुस्तक वितरण का कार्य चल रहा है। शासन का निर्देश है कि पुस्तक वितरण में किसी भी बच्चों को स्कूल ना बलाकर कर पुस्तकों का बंडल बनाकर उन्हें सेनीटाइज कर उनके घर पहुंच सेवा उपलब्ध कराना था। लेकिन शिक्षकों के कामचोरी एवं अलसीपन कि वजह से शासन की यह नियम लागू नहीं हो पा रही है। विकासखंड मस्तूरी ऐसे-ऐसे कई दर्जनों स्कूल है जहां पर टीचर बच्चों को बुलाकर पुस्तक वितरण करा रहे हैं। मस्तूरी क्षेत्र करोना महामारी के वजह से ऑलरेडी बहुत ही ज्यादा प्रभावित है। उसके बावजूद बच्चों का स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर उन्हें महामारी के ओर ले जाने के लिए पढ़े-लिखे जानकार शिक्षक लोग इतनी बड़ी बेवकूफी कर रहे हैं। एडमिशन एवं नए बच्चों के भर्ती की प्रक्रिया में शासन ने बच्चों के ऊपर ध्यान देते हुए सावधानी बरतते हुए प्राइमरी स्कूल के एडमिशन के लिए आंगनबाड़ी से 5 साल के ऊपर वाले बच्चों की सूची शिक्षक स्वयं मांग कर स्वयं एडमिशन करने की बात कही है, साथ ही मिडिल स्कूल के लिए प्राइमरी स्कूल से टीसी मंगवा कर एडमिशन देने की बात कही। ताकि कोई भी बच्चा स्कूल ना आए जिससे की महामारी से बचाव किया जा सके। साथ ही शासन की एक और योजना है जिसमें स्कूल के शिक्षक मोहल्ला क्लास लगाकर अलग-अलग मोहल्ले में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए क्लास लगाकर बच्चों को शिक्षा देना है लेकिन यह भी कहीं पर लागू दिखाई नहीं दे रहा है।जिसके कारण बच्चों के अभिभावकों में भारी रोष देखने को मिल रहा है। बच्चों को स्कूल में बुलाकर पुस्तक वितरण करने के मामले में मस्तूरी विकासखंड के शिक्षा अधिकारी अश्वनी भारद्वाज ने कहा है शासन की ओर से बच्चों को स्कूल में बुलाकर पुस्तक वितरण करने की आदेश नहीं है ऐसा करने वाले शिक्षकों को समझाइश दिया गया है। अगर ऐसी शिकायत होती है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।