रेशम वर्मा की रिपोर्ट
कटगी।सावन मास के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को महिलाएं शिव-पार्वती का विशेष पूजन करती हैं, जिसे हरियाली तीज कहते है। इस दिन महिला लड़कियो निर्जला व्रत रह कर भगवान शिव और माता पार्वती जी की विधि पूर्वक पूजा करती है।साथ शाम को व्रत की कथा सुनी जाती है।कहा जाता है माता पार्वती जी का व्रत पूजन करने से धन, विवाह संतानादि भौतिक सुखों में वृद्धि होती है।विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। व्रत तोड़ने के लिए कल घर घर जा कर भोजन ग्रहण करती है पकवान भी बनाया जाता है,, आज आधुनिक युग मे मशीन से चावल दल को पिसया जाता है परतु बहुत ही कम लोगो पता है कि मशीन नही होने से ढेंकी से चावल दाल कूटा और पिसा जाता था,, अब ढेंकी का मिलना भी दूभर हो गया है,, आज बहुत कम ढेंकी दिखाई देती है परतु आज भी पिकरी गांव की महिलाएं आज भी ढेंकी का उपयोग करती है इससे कुटे हुए गेंहू चावल के पकवान काफी स्वादिष्ट बताया जाता है।