सन्नी यादव की रिपोर्ट
कोरिया।गत दिवस जनपद पंचायत मनेंद्रगढ़ के अमृत सदन सभागार में सामान्य प्रशासन का बैठक रखा गया था। जिसमे जनपद के दुकानों के आबंटन और किराया का मुद्दा गर्माया रहा। विदित हो कि जनपद के मनेंद्रगढ़ में 18 दुकान, 1 हॉल, केल्हारी में 33 दुकान, नागपुर में 14 दुकान, अमृतधारा में 7 दुकान,1 कैंटीन और 1 पार्किंग स्टैंड हैं। जिनमे से मनेंद्रगढ़ के दुकान का 2015 में नीलामी किया गया था,6 दुकान के लिए बोलिकर्ताओं ने दुकान के धरोहर राशि 25 प्रतिशत को शर्तों के विपरीत एक दिन के अंदर जमा करने के बजाए लगभग 2 माह में जमा किए और बाकी के बचे हुए राशि को आज तक जमा नही किये और दुकानों पर जबरन कब्जा जमा लिए हैं।जिसके कारण जनपद पंचायत ने उनकी नीलामी बोली को निरस्त करते हुए नए सिरे से नीलामी कराकर इन 6 दुकानों का आबंटन कर दिया। इस तरह पहले के बोलिकर्ताओं द्वारा हाई कोर्ट का रुख अख्तियार कर लिया गया।जिसका कि अंतिम सुनवाई होना बाकी है। एक दुकान एटीएम और एक दुकान विधायक कार्यालय के लिए आरक्षित रखा गया है।1 हाल के दुकानदार द्वारा अभी तक पूरा किराया जमा किया गया है। शेष बचे हुए 10 दुकानदारों ने दुकान की अमानत राशि जमा करके पजेशन तो ले लिया है परंतु इनमें से 7 दुकानदारों द्वारा किराया नहीं दिया जा रहा है। इनमें से एक दुकानदार द्वारा अनुबंध तक नहीं कराया गया है और बिना अनुबंध के ही विगत 5 वर्षों से दुकान में कब्जा जमा के दुकान चलाया जा रहा है ।इनको जनपद पंचायत के द्वारा इस सामान्य सभा मे प्रस्ताव पारित करके जब तक अनुबंध नहीं कर लिया जाता तब तक जनपद दुकान के किराएदार मानने से ही इंकार कर दिया गया है। 2015 से लेकर अगस्त 2020 तक कई बार नोटिस दिया जा चुका है ,परंतु इनके द्वारा कोई जवाब प्रस्तुत नही किया गया न ही किराया जमा कराया गया।इसी तरह का मुद्दा केल्हारी लाई और अमृतधारा का भी है।इन सब बातों की जानकारी जब जनपद अध्यक्ष डॉ विनय शंकर सिंह को मिला तो उन्होंने इस मुद्दे को सामान्य प्रशासन के बैठक में रखते हुए,जनपद पंचायत मनेंद्रगढ़ के चल अचल सम्पतियों के पुनर्निर्धारण, सीमांकन, आवासीय और व्यावसायिक परिसरों के स्वामित्व और नियंत्रण को प्रमुख एजेंडा में शामिल कराया। सभी दुकानदारों को अंतिम अवसर देते हुए एक माह का समय दिया गया है।इस समयावधि में दुकान का शेष बचा हुआ किराया राशि जमा करके नवीन अनुबंध कराने के लिए निर्देशित किया गया है ।इसमें चूक होने की दशा में माह अक्टूबर के सामान्य प्रशासन के बैठक में दुकान आबंटन को निरस्त करते हुए नए सिरे से नीलामी कराया जाएगा।