रेशम वर्मा की रिपोर्ट
कसडोल – भारतीय जनता पार्टी का मतलब संकेत शुक्ला है विगत 22साल से लगातार जुडकर राजनीति के धुरंधर नेताओ के साथ रहकर राजनीति के वो तमाम दुर्गगुणो से बचकर साफ सुथरी राजनीति के लिए प्रसिद्ध रहे है तमाम मुश्किलों सेके बाद भी पार्टी के लिए प्रतिबद्ध आज भी पार्टी के कार्य करने के लिए सदैव तैयार मिलते हैं संकेत शुक्ला मध्यमवर्गीय परिवार से आते है पिता ललित नारायण शुक्ला और शांता शुक्ला के चार बच्चों में सबसे छोटे और दुलारे पुत्र है तीन बडी बहनों एकलौता भाई की दुनिया तो तीनो बहनों में ही है छोटे भाई होने के बाद भी अपनी बडी बहनों के परिवारो के लिए हमेशा देवदूत की तरह खडे होते रहे है
अब राजनैतिक जीवन की बात करे तो उनके जीवन में बडा परिवर्तन तब आया जब कोर्ट के सामने फोटो कापी एवं एस टी डी का संचालन करते थे बस यही से संकेत की मुलाकात कोर्ट आने वाले दुखी और तकलीफ में फंसे लोगो का दुखडा सुनते और उस तकलीफ के निराकरण के लिए निकल पडते थे यही वो वक्त था राजनीति में जुड़ने और जनसेवा के लिये खुद को समर्पित करने के लिए ।बस यही से उनके जीवन में मेरा भी आना हुआ था चुका मेरी शादी भी संकेत की दीदी संदेश शुक्ला से हुई थी उर संकेत के साथ हमारे पारिवारिक रास्ते में तब्दील होना और सदा उसके मन में संदेश के लिए चिंतित रहते में भी पिछले 19साल से देखता रहा हूँ अब तक संकेत के दिमाग में हम लोगों ने अंहकार को नहीं देखा है । राजनीति के जीवन में सबसे बडा परिवर्तन तो तब से आया जब संकेत का विवाह लक्ष्मी है हुआ बस यही वक्त जब राजनैतिक रूप से मजबूत होना शुरुआत हुई थी आज तक जारी है नगर पालिका चुनाव में नगरपालिका अध्यक्ष चुनाव तक सब ठीक ठाक चलता रहा और इसी बीच ठीक चुनाव के पूर्व संकेत का शहर मंडल का अध्यक्ष बनाया गया था ।चुनावी रणनीति मेक पहली बार नगरपालिका अध्यक्ष के दौड में शामिल हुए लेकिन किन्हीं कारणों से से पार्टी ने संकेत शुक्ला को अध्यक्ष पद के लिए दावेदार बनाने के बदले दूसरे पार्षद पर दांव लगा दिया था और अध्यक्ष पद से दूर हो गये थे फिर नगरपालिका अध्यक्ष के की कुर्सी नहीं मिलने के बाद भी संकेत पार्टी का डर में मजबूती डंटे हुए आज भी है एक बात तो तय है पार्षद चुनाव के वक्त जीतना समय 3वार्ड को देते थे चुनाव जीतने के बाद भी वार्ड वासियों के संपर्क में आज भी है खैर ये संकेत शुक्ला की कहानी कितनी हकीकत तब पता चलेगा जब वो आगे बहुत ही ज्यादा लोगो के रॉबिनहुड की तरह मदद करते दिखेगा कोरोना काल में गरीब वार्ड वासियों के साथ साथ शहर के तमाम लोगों को मैने खुद राशन और सब्ज़ी बांटते देखा है , विशेष रूप से मै खुद उल्लेख करना चाहता हूँ उपरोक्त परिदृश्य पर मेरे खुद के हैं न कि इस विश्लषण मे संकेत शुक्ला की किसी भी प्रकार की अभिवक्ति नही है।