हरिश साहू की रिपोर्ट
रायपुर । राज्य में अपराध का ग्राफ कम करने तथा आपराधिक मामलों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग करने प्रदेश की 115 पुलिस चौकियों को हाईटेक बनाने की योजना है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने में सवा करोड़ रुपए के करीब लागत आएगी। पुलिस चौकियों को सीसीटीएनएस से जोड़ने की पुष्टि स्पेशल डीजी तकनीकी, योजना प्रबंध आरके विज ने की है। उल्लेखनीय है कि राज्य के ज्यादातर पुलिस थानों को सीसीटीएनएस योजना से जोड़कर अपराधों की मॉनिटरिंग करने के साथ अपराधों का पुलिस मुख्यालय स्तर पर परीक्षण किया जा रहा है। थानों के हाईटेक होने के बाद अब राज्य के अलग-अलग थानों से संबद्ध पुलिस चौकियों को हाईटेक बनाने की कवायद की जा रही है। इसके तहत चौकियों में कंप्यूटर, प्रिंटर तथा स्कैनर दिए जाएंगे। साथ ही चौकियों को पेपर फ्री वर्क करने के लिए वहां भी ऑनलाइन एफआईआर दर्ज की जाएगी। चौकियों में दर्ज एफआईआर की थानों के साथ जिला पुलिस मुख्यालय में मॉनिटरिंग की जाएगी। चौकियों को सीसीटीएनएस से जोड़ने के बाद चौकी प्रभारी को दर्ज एफआईआर को ऑनलाइन कराने थाने जाने से बचत होगी।
अपराध की मिलेगी तत्काल जानकारी चौकियों में ऑनलाइन एफआईआर दर्ज होने से संबंधित थाने के साथ जिला पुलिस मुख्यालय में बैठे पुलिस अधिकारियों को गंभीर किस्म के अपराधों की तत्काल जानकारी मिल सकेगी। साथ ही अपराध की तत्काल विवेचना पुलिस के लिए आसान रहेगी। अंकुश लगाने में मिलेगी मदद पुलिस थानों के गुंडा-बदमाशों के बारे में पुलिस को एक क्लिक में जानकारी मिल जाती है। वहीं चौकी में अभी भी गुंडा-बदमाशों की लिस्टिंग मैनुअल तरीके से होती है। चौकियों को सीसीटीएनएस योजना के साथ जोड़ने से संबंधित चौकियों के गुंडा-बदमाशों की लिस्ट अपडेट करने में पुलिस को मदद मिलेगी। साथ ही चौकियों में भी एक क्लिक में पुलिस गुंडा-बदमाशों की जानकारी मिलने से पुलिस को उनके खिलाफ कार्रवाई करने के साथ लिस्ट अपडेट करने में मदद मिलेगी। साथ ही पुलिस को राज्य के साथ देश के अन्य थानों में अपराध की सूचना आदान-प्रदान करने की सुविधा मिलेगी।