रिपोटर-रितेश साहू
जैजैपुर – जैजैपुर के जनपद पंचायत के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भातमाहुल में शौचालय के मामले की शिकायत पर जांच करने के लिए जांच दल भातमाहूल पहुंचा और हितग्राहियों से बयान लिए गए। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत भातमाहूल के उप सरपंच के द्वारा सरपंच भगवान लाल चंद्रा के खिलाफ शिकायत की गई थी । उपसरपंच राजकुमारी चंद्रा ने अपनी शिकायत में लिखा था कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 200 शौचालय बनाने का लक्ष्य ग्राम पंचायत में रखा था जिसमें 196 शौचालय बनाए जाने पाया गया है । उपसरपंच ने अपनी शिकायत में बताया कि इनमें से 12 ऐसे हितग्राही हैं जिन्होंने अपने निजी पैसे से शौचालय बनाए और उन्हें इसका भुगतान नहीं किया गया है और इनमें से 6 ऐसे हितग्राही हैं जिन्होंने शौचालय नहीं बनाए हैं लेकिन उनका भुगतान किया गया है । इस आशय की शिकायत होने पर जिला पंचायत जांजगीर से जांच टीम ग्राम पंचायत भातमाहुल पहुंची और हितग्राहियों के बयान ग्राम पंचायत में लिए गए । 6 हितग्राहियों ने बताया कि उनके शौचालय बनाए गए थे लेकिन हितग्राहियों ने बडा बनाने के लिए तोड़ा है जबकि ऐसे 12 हितग्राही थे जिन्होंने बताया कि उन्हें शौचालय बनाने के रूपये अब तक नहीं मिले हैं । जिन हितग्राहियों पर बिना शौचालय बनाये सरपंच द्वारा राशि नहीं मिलने का आरोप था उन्होंने सरपंच के पक्ष में बयान दिया कि उन्होंने शौचालय तोड़कर बड़ा बनाने के लिए प्रयास किया है लेकिन मौका स्थल पर देखने से पता चलता है कि वहां शौचालय बना ही नहीं है क्योंकि अगर हितग्राहियों के द्वारा शौचालय तोड़ा जाता तो उसके अवशेष अवश्य ही पाए जाते लेकिन जिस स्थान पर हितग्राहियोंं ने शौचालय तोड़ने की बात कही वहां पर कुछ भी नहीं था जिसे यह शंका जाहिर की जा रही है कि हितग्राहियों ने दबाव में आकर यह बयान दिया है ।जिससे जांच अधिकारियों के द्वारा ज्यादातर ग्राम पंचायत में बैठकर हितग्राहियों से बयान लिए गए जबकि जांच अधिकारियों के द्वारा प्रत्येक हितग्राही के घर में जा कर देखा जाना चाहिए था परंतु जांच अधिकारियों ने बताया कि 12 हितग्राहियों के घर जाकर जांच की गई और बाकी हितग्राहियों के दस्तावेज देखकर ही जांच पूर्ण किए गए जिससे पीड़ित हितग्राहियों में आक्रोश था अब देखना होगा कि इस जाचं में शासन प्रशासन क्या करता है