हेमंत कुमार साहू की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ – बेरोजगारी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और यह सबके लिए गंभीर चिंता का विषय है । सरकार पढ़े लिखे युवाओ, युवतियों को रोजगार के नाम पर जरूर सपने दिखा रही हो और ढोल बजा बजा कर रोजगार देने का दावा कर रही हो और रोजगार के नाम से भले ही करोड़ो खर्चे कर रही हो, लेकिन सब फ़ाइल में दबे के दबे रह जाती है और फ़ाइल धूल खाती हुई दफन हो जाती है । रोजगार के नाम से पैसा आता है और कहां गबन हो जाता है, पता ही नही चलता, संतरी से लेकर मंत्री तक, अफसर से लेकर नौकर तक पैसा बंदरबाट हो जाता है, लेकिन किसी को रोजगार नही मिलता, कई ऐसे विभाग है जहाँ स्टाफ की कमी है, जहाँ सारे नियमो को ताक कर चपरासी कलर्क के काम कर रहे है, लेकिन सरकार भर्ती नही ले रही है, हर साल सरकारी विभाग में लाखों लोग रिटायर होते है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया नही होती और युवा बेरोजगार होते जा रहे है । बेरोजगारी के कारण ही युवाओ में गलत लत जैसे शराब, जुवा, चोरी, डकैती जैसी आदते पनपती जा रही है । लेकिन ना ही सरकार को सुध लेने की पड़ी है ना प्रशासन को । यहाँ पुलिस विभाग ही गलत कामो जैसे छटटा, जुवा, अवैध शराब वालो से हफ्ता वसूल रहा है ।
वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) के ताजा सर्वे बेरोजगारी को दुनिया के सामने अगले 10 वर्षों की सबसे बड़ी चिंताओं में पहले स्थान पर पाया गया है। सर्वे में 127 देशों के 12,012 बिजनेस लीडर्स को शामिल किया गया था, यह सर्वे डब्ल्यूईएफ की उस ग्लोबल कॉम्पिटिटिव रिपोर्ट का हिस्सा है । अभी विधानसभा सर्वे के अनुसार जब डॉक्टर श्रीमती रेणु अजीत जोगी द्वारा पूछा गया कि प्रदेश में नवंबर 2020 तक कितने बेरोजगार है और कितनो को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है तब इस बात की पुष्टि हुई कि छत्तीसगढ़ में 1890620 बेरोजगार है । जिसमे बेरोजगार सबसे ज्यादा बालोद जिले में 157339 बेरोजगार है और बेरोजगारी भत्ते के नाम पर सरकार बस ढोल बजा रही है और पात्र बेरोजगारो को किसी तरह की सुविधाएं नही दी जा रही है ।