देहरादून।तपोवन में एनटीपीसी के निर्माणाधीन हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 34 व्यक्तियों तक पहुंचने में रेस्क्यू अभियान जारी है। मलबे के बैक फ्लो की वजह से उसे हटाने में टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ रही। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि सुरंग से छह शव निकाले गए हैं। उन्होंने बताया कि टीमें 130 मीटर तक पहुंच गई हैं और जल्द ही अगली सुरंग तक पहुंचने के लिए प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश कर रही हैं। वहीं, छह शव रैणी और एक शव रुद्रप्रयाग से मिला है। अब तक कुल 51 शव शव बरामद किए गए हैं, जबकि सौ से ज्यादा लोग लापता हैं। वहीं, डीएम स्वाति सिंह भदौरिया और एसपी यशवंत सिंह भी मौके पर हैं और राहत-बचाव कार्यों का जायजा ले रहे हैं। दूसरी ओर जोशीमठ पुलिस स्टेशन में अब तक 29 लापता लोगों के मामले दर्ज किए गए हैं। पहचान में सहायता के लिए परिवार के 55 सदस्यों के डीएनए नमूने लिए गए हैं। रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया गया कि आपदा विभाग की ओर से जारी सर्च एंड रेस्क्यू अभियान के तहत रविवार शाम रुद्रप्रयाग में एक शव मिला है। जिसे रुद्रप्रयाग अस्पताल के मोर्चरी में रखा गया है।
चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में ऋषिगंगा की बाढ़ में तबाह हुई एनटीपीसी की 520 मेगावाट की तपोवन विष्णुगाड़ परिरयोजना की टनल में ड्रिलिंग कर दो शवों को बरामद कर दिया गया है। इनकी शिनाख्त आलम सिंह पुत्र सुंदर सिंह निवासी ल्वैल गुल्लर नरेंद्रनगर, टिहरी उत्तराखंड और अनिल पुत्र भगतू निवासी डाडवली समल्टा कालसी देहरादून उत्तराखंड के रूप में हुई है।
अब तक 25 शवों की हुई शिनाख्त
- नरेंद्र लाल खनेड़ा निवासी तपोवन जोशीमठ (चमोली)
- जितेंद्र थापा निवासी लच्छीवाला डोईवाला (देहरादून)
- अवधेश निवासी इच्छानगर मांझा जिला लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)
- दीपक कुमार निवासी ग्राम भतीड़ा (बागेश्वर)
- कांस्टेबल बलवीर गडिया निवासी ग्राम गाड़ी (चमोली)
- हेड कांस्टेबल मनोज चौधरी निवासी बैनोली कर्णप्रयाग
- राहुल कुमार निवासी ग्राम रावली महदूत, सिडकुल (हरिद्वार)
- अजय शर्मा निवासी ग्राम गणेशपुर पिशावा अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)
- रविंदर सिंह निवासी ग्राम कालिका धारचूला (उत्तरकाशी)
- सूरज कुमार निवासी ग्राम बाबूपुर, लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)
- बिमलेश निवासी बाबूपुर, लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)
- विशारद निवासी श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर)
- विक्की कुमार निवासी ग्राम मनोहरपुर तलहेड़ी देवबंद (उत्तर प्रदेश)
- आलम सिंह निवासी लोयल डोगी मुनिकीरेती (टिहरी गढ़वाल)
- अनिल निवासी ददोली समाल्टा कालसी (देहरादून)
- जितेंद्र कुमार निवासी भारा सेरी, डोडा (जम्मू-कश्मीर)
- शेषनाथ निवासी एफ-51 नीलम बाटा रोड फरीदाबाद (हरियाणा)
- जितेंद्र धनाई निवासी रोलाकोट लंबगांव प्रतापनगर (टिहरी गढ़वाल)
- सूरज ठाकुर निवासी तीनपरसा रामपुर कुशीनगर (उत्तर प्रदेश)
- जुगल किशोर निवासी मेहलवा सुखशांत नांगल (पंजाब)
- राकेश कुमार निवासी बोहल पालमपुर (हिमाचल प्रदेश)
- हरपाल सिंह निवासी ग्राम रतनी थराली (चमोली)
- वेद प्रकाश निवासी गोराखास चिलुआताल गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
- धनुर्धारी निवारी गोराखास पोस्ट जगतकेला चिलुआताल गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
- स्वतंत्र प्रिय निवासी श्रीनगर कॉलोनी मडियांव लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
भारतीय सेना ने ऋषिगंगा पर रैणी गांव को जोड़ने वाला स्थायी पुल किया तैयार, आवाजाही शुरू
भारतीय सेना के जवान आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाने में जुटे हैं। इसके अलावा जवानों ने रविवार को ऋषिगंगा पर रैणी गांव से जोड़ने के लिए अस्थायी पुल बनाया है।
दोनों तरफ से गांव को जोड़ने वाला पुल आपदा की भेंट चढ़ गया था। जिसके बाद आवाजाही करने में परेशानी हो रही थी। लेकिन अब सेना की ओर से तैयार इस स्थायी पुल से लोग गांव से दूसरे छोर तक आवाजाही कर रहे हैं।
टनल के अंदर रेस्क्यू में जुटी एनडीआरएफ की टीम ने पहला शव तड़के 4:45 बजे व दूसरा शव सुबह 5:50 बजे परियोजना की इंटेक एडिट टनल से बरामद किया। इस टनल में सात फरवरी से ही रेस्क्यू आपरेशन चल रहा है। जिन दो व्यक्तियों के शव टनल से बरामद हुए हैं। उनकी घटना के दिन से ही मलबे में दबे होने की संभावना जताई जा रही थी। रेस्क्यू टीम द्वारा ड्रोन कैमरे की मदद से टनल के अंदर लापता व्यक्तियों की तलाश की जा रही है।
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया व पुलिस कप्तान यशवंत सिंह चौहान ने टनल के अंदर जाकर रेस्क्यू कार्यों का जायजा लिया। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि टनल के अंदर रेस्क्यू कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। एनडीआरएफ सहित अन्य टीमें रेस्क्यू में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि टनल के अंदर फंसे व्यक्तियों के जीवित होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
यदि टनल के अंदर कोई जीवित व्यक्ति बरामद होता है तो उसका तत्काल उपचार कराने के लिए यहां पर बनाए गए अस्थाई हेलीपैड में हेलीकाप्टर की भी तैनाती की गई है। घटनास्थल पर मेडिकल टीमों की भी तैनाती की गई है। ताकि यदि कोई घायल मिले को उसका यहीं पर प्राथमिक उपचार किया जा सके।