परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली। वैश्विक महामारी बनकर दुनियाभर में फैल चुके जानलेवा कोरोना वायरस को हराने के लिए भारत सरकार की ओर से देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा किए जाने के बाद दिल्ली और एनसीआर के शहरों में रहने वाले गरीब, मजदूर और प्रवासी लोगों का पलायन जारी है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने वादा किया है कि दिल्ली में लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी और सभी को खाना मिलेगा, लेकिन फिर भी लोग दिल्ली छोड़कर जल्द से जल्द अपने गांवों और घरों को पहुंचना चाहते हैं। इसके चलते दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के बॉर्डरों पर लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
सभी लोगों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराने के आश्वासन के साथ ही शनिवार को दिल्ली सरकार ने उन सभी स्थानों की गूगल लोकेशन शेयर की है जहां दोनों वक्त भोजन प्रदान किया जा रहा है।
आम आदमी पार्टी ने आज ट्ववीट कर अपील की है कि जो भी भूखा है और खाना नहीं खरीद सकता है उनकी मदद करो। दिल्ली सरकार सभी जरूरतमंद लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध करा रही है। भूख से लड़ने में सरकार की मदद करें।
गूगल मैप में दर्शाए गए इन स्थानों पर प्रतिदिन दोपहर 12 से 3 बजे और शाम को 6 से 9 बजे तक सभी लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा के पास गाजीपुर में बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने की जानकारी मिलने के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शनिवार को दिल्ली-यूपी के पास गाजीपुर का दौरा किया, जहां लोग उत्तर प्रदेश में अपने घरों के लिए विशेष बसों में सवार होने के लिए बड़ी संख्या में एकत्र हुए हैं। मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमने उन्हें परिवहन के लिए कुछ डीटीसी बसें भी प्रदान की हैं। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे जहां हैं, वहीं रुकें दिल्ली सरकार उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं होने देगी।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमने इन लोगों को ठहराने के लिए गाजीपुर के स्कूलों को रैन बसेरों में बदलना शुरू कर दिया है। मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने घरों या झोपड़ियों को न छोड़ें। बेघर लोग रैन बसेरों में ठहर सकते हैं। हमारे पास पूरी दिल्ली के लोगों को खिलाने की क्षमता है।